रविवार, 30 नवंबर 2014

नौसेना ने चार वर्षों में झेला 24 दुर्घटनाआें का दंश!

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

बीते कुछ वर्षों से एक के बाद एक दुर्घटनाआें का शिकार हो रही नौसेना के समक्ष जल्द से जल्द से इन हादसों से निपटने की चुनौती बरकरार है, जिसमें रक्षा मंत्रालय की अहम भूमिका होगी। हाल ही में लोकसभा में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी नौसेना में लगाातार हुए हादसों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 से 2014 तक नौसेना के छोटे-बड़े जंगी जहाजों से लेकर पनडुब्बियां हादसे का शिकार हुई। आंकड़ों के हिसाब से 24 दुर्घटनाएं हुई। इसमें कुछ समय पहले विशाखापट्टनम तट से कुछ दूरी पर डूबा नौसेना का टॉरपीडो रिकवरी वेसल (टीआरवी ए-72) भी शामिल है। हादसे की जांच (बीओआई) चल रही है। हादसे के वक्त यह जहाज नियमित अभ्यास पर था। इसमें 29 लोग सवार थे जिसमें 6 नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजी लेबोरेट्री (एनएसटीएल), विशाखापट्टनम के भी थे।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि नौसेना मुख्यालय द्वारा सुधारात्मक कदम उठाए जाते हैं। टीआरवी हादसे के दौरान 24 लोगों को बचाया गया। एक नौसैनिक का शव मिला जबकि चार अन्य अभी तक लापता है। गौरतलब है कि वर्ष 2011 में नौसेना में 3 हादसे हुए। इसके अगले वर्ष 2012 में भी 3 हादसे हुए। इसके बाद वर्ष 2013 में 7 और मौजूदा साल 2014 में 11 जंगी जहाज और पनडुब्बियां हादसों का शिकार हुई हैं।

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