रविवार, 2 नवंबर 2014

एचआरडी मंत्रालय के उच्च-शिक्षा विभाग ने पकड़ी रफतार, उच्च-शिक्षा सचिव संग 4 वरिष्ठ अधिकारियों ने संभाला कार्यभार

कविता जोशी.नई दिल्ली

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च-शिक्षा विभाग ने धीरे-धीरे रμतार पकड़ना शुरू कर दिया है। मंत्रालय के बेहद अहम समझे जाने वाले उच्च-शिक्षा विभाग में नव नियुक्त सचिव सत्यनारायण मोहंती समेत चार अन्य आईएएस अधिकारियों ने अपना कामकाज संभाल लिया है। पहले रिक्त पड़े पदों की वजह से उच्च-शिक्षा विभाग में कामकाज की रμतार कुछ समय के लिए धीमी पड़ गई थी। एचआरडी मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि बीते कुछ समय से खाली पड़े उच्च-शिक्षा विभाग के बड़े और महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों की नियुक्तियां पूरी हो गई हैं और नवनियुक्त अधिकारियों ने मंत्रालय में अपना कामकाज संभाल लिया है। यह नियुक्तियां सितंबर से अक्टूबर महीने के दौरान हुई हैं।

उच्च-शिक्षा विभाग के नए सचिव के रूप में सत्यनारायण मोहंती ने इस महीने की शुरूआत यानि 1 अक्टूबर को मंत्रालय का कार्यभार संभाला है। इससे पहले 30 सितंबर को सेवानिवृत हुए अशोक ठाकुर उच्च-शिक्षा विभाग के सचिव पद पर थे। वर्तमान में नवनियुक्त सचिव आंध्र-प्रदेश कैडर के 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं और एचआरडी मंत्रालय से पहले वो राष्टीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) में सचिव के पद पर कार्यरत थे। इसके अलावा बीते दिनों उच्च-शिक्षा विभाग में अतिरिक्त सचिव अमरजीत सिन्हा की भी तैनाती हुई है। पहले वो बिहार सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत थे। उच्च-शिक्षा में संयुक्त सचिव के पद पर राकेश रंजन भी नियुक्त हुए हैं। इससे पहले वो संस्कृति मंत्रालय में थे।

राकेश रंजन 1992 बैच के मणिपुर-त्रिपुरा बैच के आईएएस अधिकारी हैं। एक अन्य संयुक्त सचिव सुखबीर सिंह संधु ने भी उच्च-शिक्षा विभाग में कामकाज संभाला है। वे 1988 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। इसी विभाग में एक अन्य संयुक्त सचिव शशि प्रकाश गोयल की नियुक्ति भी की गई है जो कि 1989 बैच के उत्तर-प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।

गौरतलब है कि इसी वर्ष 26 मई को नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बनी नई सरकार के गठन के कुछ समय बाद ही एचआरडी मंत्रालय के सबसे महत्वपूर्ण विभागों में से एक उच्च-शिक्षा विभाग में अधिकारियों की कमी को लेकर जोर-शोर से चर्चाएं शुरू हो गई थीं। पूर्व सरकार में काम कर रहे प्रशासनिक अधिकारियों में कुछ की सेवानिवृति को लेकर कयास लग रहे थे तो कुछ का तबादला मीडिया की सुर्खियों में था। इतना ही नहीं सितंबर महीने के अंत में मंत्रालय से सेवानिवृत हुए उच्च-शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव के साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का विवाद भी इन चर्चाओं का हिस्सा बना।  

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