शनिवार, 8 नवंबर 2014

टीआरवी ए-72 के लापता नौसैनिकों का कोई सुराग नहीं

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

नौसेना के विशाखापट्टनम तट से दक्षिण में 35 नाटिकल माइल की दूरी पर गुरूवार रात 8 बजे डूबे टॉरपीडो रिकवरी वेसल (टीआरवी अल्फा-72) जहाज से लापता 4 लोगों का 48 घंटे बीतने के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है। नौसेना की ओर से कैप्टन रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में बोर्ड आॅफ इंक्वारी (बीओआई) गठित की गई है जो इस हादसे से जुड़े कारणों का गंभीरता से पता लगाने में लगी हुई है। यहां नौसेना मुख्यालय में मौजूद नौसेना के सूत्रों ने कहा कि हादसे में लापता हुए एक अधिकारी और 3 नाविकों को गहरे समुद्र में ढूंढने के लिए नौसेना ने शनिवार को अपना खोजी अभियान विशाखापट्टनम तट से 80 नॉटिकल माइल की दूरी पर दक्षिण दक्षिण पश्चिम (एसएसडब्ल्यू) में चलाया हुआ है, जिसमें नौसेना के करीब 4 हजार लोगों को शामिल किया गया है। इसके अलावा 9 जंगी जहाज, 4 विमान समुद्री लहरों के बीच बिना रूके दिन-रात अपने 4 जाबांज सिपाहियों को ढूंढने में लगे हुए हैं।

सूत्रों ने कहा कि बचाव अभियान में लगे जंगी जहाजों में नौसेना के आईएनएस रंजीत, शिवालिक, सहयाद्रि, शक्ति, विनाश, निर्भीक, सुमित्रा, संधायक, कारमुक, निरीक्षक शामिल हैं। साथ ही 4 विमानों में पी8आई, डार्नियर, सीकिंग 42चार्ली और चेतक हेलिकॉप्टरों को लगाया गया है। शनिवार दोपहर तक बचाव अभियान दल को घटना स्थल से लापता लोगों के बारे में कोई सुराग नहीं मिला। गौरतलब है कि शुक्रवार को घटना स्थल से टीआरवी अल्फा-72 जहाज का एक वीडियो कैमरा (हैंडीकैम) और दो लाइफ जैकेट बरामद हुई थी।

गौरतलब है कि बीते एक वर्ष से नौसैन्य उपकरण हादसे का शिकार हो रहे हैं। इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डी.के.जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद अप्रैल 2014 को एडमिरल आर.के.धवन ने नौसेनाप्रमुख का पद संभाला था। बीते 31 अक्टूबर को नौसेना का आईएनएस कोरा पोत विशाखापट्टनम तट से कुछ दूरी एक व्यापारिक कंटेनर से रगड़ खाकर हादसे का शिकार हुआ था जिसमें जहाज को मामूली नुकसान पहुंचा था।

गोवा शिपयार्ड में बनाए गए टीआरवी अल्फा-72 जैसे नौसेना के पास कुल 3 (अस्त्रावाहिनी, टीआरवी अल्फा-71, टीआरवी अल्फा-72) जहाज हैं। इनका इस्तेमाल अभियानों के दौरान नहीं किया जाता है बल्कि इन्हें अभ्यास के बाद सहायक कार्य में लगाया जाता है। वर्ष 1983 में कमीशन हुआ टीआरवी अल्फा-72 जहाज बीते 31 सालों से नौसेना में प्रयोग किया जा रहा था। अब तक लगभग 3 बार इसकी मरम्मत की जा चुकी है। प्रत्येक 10 साल में इसका मरम्मत कार्य किया जाता है। नौसेना की शुरूआती जांच कहती है कि जहाज में कुल 3 कपार्टमेंट हैं, जिसमें 2 (इंजन, स्टोरेज) में पानी भरने की वजह से यह हादसा हुआ। तीसरा कंपार्टमेंट स्टियरिंग गेयर होता है। जहाज 112 टन ले जा सकता है। इसकी लंबाई 28.6 मीटर और 6.1 मीटर
बीम है।

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