रविवार, 2 नवंबर 2014

डीएसी ने दी 80 हजार करोड़ के रक्षा खरीद सौदों को मंजूरी: 25 नवंबर को हुई बैठक

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की तीसरी बैठक में सरकार ने लगभग 80 हजार करोड़ रुपए के रक्षा खरीद सौदों को मंजूरी दी है। यहां रक्षा मंत्रालय में शनिवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई डीएसी की बैठक में जिन दो बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई उसमें नौसेना के लिए 6 पनडुब्बियों के देश में निर्माण और थलसेना के लिए एंटी टैंक नाशक स्पाइक मिसाइल (एटीजीएम) की खरीद का प्रस्ताव शामिल है। गौरतलब है कि डीएसी की इस तीसरी बैठक में भी रक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लालकिले की प्राचीर से दिए गए ‘मेक इन इंडिया’ के नारे को काफी हद तक चरितार्थ करते हुए कई रक्षा उपकरणों का स्वदेश में निर्माण करने के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। मई में नई सरकार के गठन के बाद डीएसी की दो बैठकें हो चुकी हैं।

बैठक के बाद रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राष्टीय सुरक्षा का मुद्दा सरकार की प्राथमिक्ताआें में शीर्ष पर शामिल है। रक्षा खरीद के दौरान आने वाली तमाम समस्याआें और बाधाआें पर तुरंत चर्चा की जानी चाहिए जिससे खरीद से जुड़ी प्रक्रिया की रफतार धीमी ना पड़े। बैठक में रक्षा मंत्री के अलावा रक्षा सचिव आर.के.माथुर, थलसेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग, वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरुप राहा, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के.धोवन, पीएम के वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ प्रमुख डॉ.अविनाश चंदर समेत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

बैठक के बाद रक्षा मंत्रालय के उच्चपदस्थ आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नौसेना के लिए इन 6 पनडुब्बियों का निर्माण देश में ही किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 50 हजार करोड़ रूपए है, जिसके लिए जल्द ही रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का एक दल देश के अलग-अलग भागों में जाकर सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के विभिन्न शिपयार्डों का दौरा करेंगे और उनकी क्षमता को परखेंगे। इसके बाद ये अधिकारी लगभग 8 सप्ताह में शिपयार्ड का चयन कर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे जिसके बाद मंत्रालय चयनित शिपयार्ड के लिए निविदा आमंत्रित (आरएफपी) करेगा। यहां बता दें कि मंत्रालय का यह दल कुल 7 शिपयार्डों का दौरा करेगा जिसमें दो निजी (लार्सन एंड ट्युब्रो, पीपावेव) और 5 सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड (एमडीएल, एचएसएल, जीएसएल, जीआरएसी, कोचिन) शामिल हैं। थलसेना के लिए मंजूर किए गए स्पाइक एटीजीएम मिसाइल के प्रस्ताव के लिए मंत्रालय ने 300 करोड़ रूपए की मंजूरी दी है, जिसमें 8 हजार से अधिक मिसाइलों और 300 से ज्यादा लांचरों की खरीद की जाएगी।

बैठक में नौसेना के लिए 12 डार्नियर विमानों की खरीद से जुड़े 1850 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। एचएएल इनका निर्माण करेगा जिसमें डीआरडीओ भी तकनीकी रूप से मदद करेगा। यहां बता देंं कि नौसेना के पास अभी 40 से अधिक डार्नियर विमान हैं। इसके अलावा थलसेना के लिए भारी वाहनों, टैंकों को दुर्गम इलाकों में आसानी से पहुंचाने के लिए 740 करोड़ रूपए के रोलिंग स्टॉक्स के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इस राशि से कुल 1768 रोलिंग स्टॉक्स की खरीद की जाएगी। गौरतलब है कि अभी सेना के पास जो रोलिंग स्टॉक्स हैं वो लगभग 40 साल पुराने हो चुके हैं इसलिए उन्हें बदलने की बेहद आवश्यकता है।

सेना के लिए 363 बीएमपी2 वाहनों की खरीद से जुड़े 1800 करोड़ रूपए के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इनका उत्पादन आंध्र-प्रदेश के मेंढक स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) में किया जाएगा। 5.75 टन भार के 1761 रेडियो रिले कंटेनरों के प्रस्ताव को भी डीएसी ने हरीझंडी दी है। इनकी कीमत 6 हजार 62 करोड़ रूपए है। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने हाल में राजधानी में आयोजित सशस्त्र सेनाआें के संयुक्त कमांडर सम्मेलन में भी सैन्य खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए डीएसी की हर महीने बैठक करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इस प्रक्रिया में कुछ विवादों की वजह से देरी होती है।

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