मंगलवार, 11 नवंबर 2014

रक्षा खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज बनाएंगे: पर्रिकर

कविता जोशी नई दिल्ली

रक्षा मंत्रालय को आखिरकार छह महीने बाद मनोहर पर्रिकर के रूप में पूर्णकालिक रक्षा मंत्री मिल गया है। सोमवार को उन्होंने लखनऊ से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने के बाद करीब शाम चार बजे पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला और पत्रकारों को दी अपनी पहली प्रतिक्रिया में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने मुझपर विश्वास जताया और इस बेहद संवेदनशील मंत्रालय की जिम्मेदारी मुझे सौंपी है। गाौरतलब है कि पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार था। बीते तीन दशकों से गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी ईमानदार छवि और एक कुशल प्रशासक माने जाने वाले पर्रिकर ने सशस्त्र सेनाआें के प्रमुखों को आश्वस्त करते हुए कहा कि रक्षा उपकरणों की खरीद प्रक्रिया न केवल पारदर्शी होगी बल्कि वो तेज भी होगी।

नए रक्षा मंत्री ने मंत्रालय में कार्यभार संभालने के बाद थलसेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग,नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.के.धोवन और वायुसेनाध्यक्ष एयरचीफ मार्शल अरूप राहा और मंत्रालय के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात की। बीते दिनों विशाखापट्टनम में डूबे नौसेना के टॉरपीडो रिकवरी वेसल टीआरवी अल्फा-72 जहाज को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे भी इस मामले को लेकर बराबर चिंता है। इससे पहले नौसेनाप्रमुख एडमिरल धोवन का कहना है कि टीआरवी ए-72 हादसे में लापता चार लोगों को ढूंढने का अभियान सप्ताह भर और चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहाज में पानी भरने से क्यों नहीं रोका जा सका इसकी गहन पड़ताल की जाएगी।

रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के साथ संबंधों को लेकर पूछे गए सवाल के जबाव में कहा कि पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को बनाए रखना एक बेहद संवेदनशील मामला है। देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे और दुश्मनों के खिलाफ हम रक्षाविहीन नहीं रहेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं रक्षा मंत्री बन रहा हूं की जानकारी मुझे रविवार रात 11 बजकर 35 मिनट पर मिली। मुझे कुछ समय दीजिए। इससे पहले मैं न तो रक्षा मंत्री था और न ही केंद्र में मंत्री। इसलिए मुझे सप्ताह भर का समय दीजिए ताकि मैं मंत्रालय को भली भांति समझ सकूं। मैं प्रधानमंत्री से इस बारे में बातचीत करने के बाद ही जबाव दूंगा। सशस्त्र सेनाआें के जरिए देश को मजबूत करने के लिए जो आवश्यक होगा किया जाएगा।

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