शुक्रवार, 14 नवंबर 2014

सुखोई विमानों के बेड़े ने किया उड़ान का आगाज

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

वायुसेना के अग्रणी पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई-30एमकेआई विमान के बेड़े में शामिल जहाजों ने शुक्रवार से अपनी उड़ान की शुरूआत कर दी है। बीते महीने 14 अक्टूबर को पुणे के पास एक सुखोई-30 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद वायुसेना ने अपने बेड़े में शामिल सभी सुखोई विमानों के उड़ान भरने (फलीट ग्राउंड करना) पर रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि अभी वायुसेना के पास कुल 180 सुखोई-30एमकेआई विमानों का बेड़ा है जो कि सुखोई विमानों की 10 स्क्वाड्रन से मिलकर बनता है। प्रत्येक स्क्वाड्रन में 18 विमान होते हैं।

यहां राजधानी में आयोजित दो दिवसीय ‘इंडियन एयर फोर्स प्लेसमेंट फेयर 2014’ कार्यक्रम से इतर पत्रकारों के सवालों के जबाव में वायुसेनाध्यक्ष एयरचीफ मार्शल अरूप राहा ने कहा कि पुणे में हुए हादसे के बाद सुखोई विमानों के उड़ान भरने पर लगी रोक अब हट गई है। विमानों ने आधिकारिक रूप से उड़ान भरना शुरू कर दिया है। वायुसेनाप्रमुख ने कहा कि इस हादसे के बाद वायुसेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रूस के विशेषज्ञों के संयुक्त जांच दल ने बेड़े में शामिल प्रत्येक विमान की बारीकी से जांच की। यह जांच पूरी तरह से संतोषजनक है, जिसके बाद ही हमने विमानों को उड़ान भरने की अनुमति दी है। हालांकि इस बाबत वायुसेना की ओर से गठित की गई जांच यानि कोर्ट आॅफ इंक्वारी (सीओआई) की रिपोर्ट आगामी एक सप्ताह के भीतर आएगी जिसमें उक्त हादसे से जुड़े कारणों का पूरी तरह से खुलासा हो जाएगा।

गौरतलब है कि हादसे के बाद कोर्ट आॅफ इंक्वारी की शुरूआती जांच में यह बात सामने आई थी कि यह हादसा विमान में आई गंभीर तकनीकी खामी की वजह से हुआ है। इसमें मानव त्रृटि जैसी कोई बात नहीं है। वर्ष 2009 ने लेकर अब तक 5 सुखोई विमान हादसे का शिकार हुए हैं। पहला हादसा 30 अप्रैल 2009 को राजस्थान के पोखरण रीजन में हुआ था। जिसमें एक पायलट की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद वायुसेना ने सुखोई विमानों के बेड़े पर तीन सप्ताह तक उड़ान भरने पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद 30 नवंबर 2009 को जैसलमेर से 40 किमी. की दूरी पर स्थित जाटेगांव में एक सुखोई विमान हादसे का शिकार हुआ जिसके बाद सुखोई विमानों के पूरे बेड़े के उड़ान भरने पर रोक लगा दी गई। तीसरा हादसा 13 दिसंबर 2011 को पुणे से 20 किमी. दूर वाड़ी भोलाई गांव के पास हुआ। चौथा हादसा 19 फरवरी 2013 को राजस्थान की पोखरण रेंज में आयरन फिस्ट अभ्यास के पूर्वाभ्यास के दौरान हुआ। इसके बाद बीते 14 अक्टूबर 2014 को पुणे के पास पांचवा सुखोई विमान हादसे का शिकार हुआ जिसकी जांच रिपोर्ट आनी बाकी है।

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