रविवार, 2 नवंबर 2014

रणनीतिक लिहाज से बढ़ती आतंकियों की घुसपैठ!

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

बीते लगभग सप्ताह भर से भारत-पाक नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्‍टीय सीमा (आईबी) पर पाक सेना की ओर से संघर्षविराम समझौते का लगातार उल्लंधन किया जा रहा है। सरकार के खुफिया ब्यूरो के सूत्रों की जानकारी के मुताबिक अभी एलओसी के उस पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर(पीओके) में चल रहे आतंकियों के प्रशिक्षण कैंपों में लगभग 1 हजार आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश में लगे हुए हैं। इसमें लगभग 400 आतंकी पीर पंजाल की पहाड़ियों के ऊपरी इलाके से घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं और करीब 300 आतंकी पीर पंजाल के निचले इलाके मसलन जम्मू से सीमा लांघकर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की जुगत भिड़ाने में लगे हैं।

आंकड़ों के हिसाब से आतंकियों द्वारा घुसपैठ की ज्यादातर कोशिशें एलओसी से लगे हुए तंगदार, मच्छल, गुरेज और केरन सैक्टर से की जाएगी। इन इलाकों के उलट तमाम आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने के लिए पीओके में इस समय 20 आतंकी प्रशिक्षण शिविर बेहद सक्रिय हैं, जिनमें यह ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसके अलावा भारतीय सीमा में घुसपैठ के लिए आतंकियों ने लगभग 40 प्रवेश द्वार (लांच पैड्स) का चयन किया है। अब तक आतंकवादियों ने घुसपैठ की 23 बार कोशिशें की हैं, जिसमें 54 आतंकी सफल हुए हैं और 30 मारे गए हैं। संघर्षविराम उल्लंधन के इस वर्ष अब तक 125 बार पाक सेना ने उल्लंधन किया है। बीते वर्ष यह आंकड़ा 163 था।

इस बार पाक सेना की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन के ज्यादातर मामले एलओसी के लगभग 70 किमी. और आईबी के 40 किमी. के इलाके में फैले हुए हैं। पाक सेना की ओर से भारी गोलीबारी पीर पंजाल के दक्षिण में की जा रही है और घुसपैठ पीर पंजाल के उत्तर से जारी है। इन सबके पीछे शांति बहाली को लेकर भारत-पाक के बीच बातचीत को बाधित करना, बर्फ पड़ने से पहले आतंकियों की ज्यादा से ज्यादा घुसपैठ करवाकर जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की शांति भंग करना है। घुसपैठ कर रहे आतंकियों में लश्करे तैयबा से लेकर जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन भी शामिल है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें