बुधवार, 5 नवंबर 2014

नई नीति के तहत दोबारा पढ़ाई शुरू कर सकेंगे

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

देश की शिक्षा प्रणाली में बड़ी सुधार करने की दिशा में सरकार एक ऐसा निर्णय करने जा रही है, जिससे रोजगार के लिए पढ़ाई बीच में छोड़ने वाला व्यक्ति किसी दूसरे संस्थान से दोबारा पढ़ाई शुरू कर सकेगा और उसे पूर्व में की गई पढ़ाई का लाभ भी मिलेगा। यहां भारत आर्थिक शिखर बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व में समकक्ष पाठ्यक्रम में अर्जित साख के अंतरण की व्यवस्था की जाएगी। सरकार अगले वर्ष तक एक नई शिक्षा नीति लाने की संभावनाओं को भी तलाश रही है।

बैठक का आयोजन जिनीवा स्थित विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) और उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती उस व्यवस्था की है जिसमें अपनी पढ़ाई पूर्व में छोड़ चुके लोग बाद में उसे जारी रख सकें। इससे खासकर उन लोगों के लिए समस्या खड़ी हो गई है जो पढ़ाई बीच में छोड़कर नौकरी में चले गए और इसकी वजह से अपना अध्ययन जारी रखने में असमर्थ हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं एक कामकाजी पेशेवर थी और मुझे अपना काम जारी रखने के लिए अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी थी। सरकार 11 नवंबर को इस तरह की व्यवस्था की शुरूआत करने जा रही है। इससे एक संस्थान में की गई अधूरी पढ़ाई को किसी दूसरे संस्थान से पूरा करने में मदद मिलेगी। साख की अंतरण की व्यवस्था 9वीं और उससे ऊपर की कक्षा के पाठ्यक्रमों के लिए होगी। जनवरी 2015 में यह पीएचडी कार्यक्रमों तक के लिए उपलब्ध होगी। देश के तमाम केंद्रीय विश्वविद्यालयों को इसके लिए व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।

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