गुरुवार, 6 नवंबर 2014

सेना के छत्तरगाम आपरेशन की जल्द आएगी रिपोर्ट!

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर के छत्तरगाम (बडगाम) में बीते 3 नवंबर को सेना द्वारा मारे गए दो युवकों की मौत के मामले पर बिठाई गई जांच (कोर्ट आफ इंक्वारी)की जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगी जिसमें उन तमाम तथ्यों का खुलासा हो जाएगा जिसकी वजह से सेना द्वारा इस अभियान का अंजाम दिया गया। गौरतलब है कि इस घटना में मारे गए फैजल अहमद भट्ट और मेहराजूद्दीन दर की मौत के बाद से राज्य में कई जगहों पर सेना की भूमिका पर सवालिया निशान लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उधर रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा है कि इस अभियान की निष्पक्ष जांच की जाएगी और तथ्यों का जल्द ही खुलासा किया जाएगा। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुμती ने भी इस अभियान की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जम्मू-कश्मीर में आर्म्स फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (आफस्पा) को हटाने की मांग की थी।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस अभियान के बाद से गठित की गई कोर्ट आफ इंक्वारी में सेना के इस आपरेशन की वैधता से जुड़े हर पहलू की बारीकी से पड़ताल करेगी। आपरेशन की वैधता का सीधा संबंध उसके कानूनी पहलू से जुड़ा हुआ है। इसमें छत्तरगाम (बडगाम) के उस नाके पर तैनात सेना के जवानों से लेकर जेसीओ तक की भूमिका की गहन समीक्षा की जाएगी।

हरिभूमि को मिली जानकारी के मुताबिक 3 नवंबर को जब यह घटना हुई थी। उस वक्त छत्तरगाम नाके पर मौजूद सेना के जेसीओ जवानों की टुकड़ी को राज्य के खुफिया ब्यूरो की ओर से यह जानकारी मिली थी कि एक सफेद रंग की मारूति कार कुछ दूरी से आ रही है जिसमें चार लोग सवार हैं। इन चारों की गतिविधियां संदिग्ध नजर आ रही हैं, ये आतंकवादी हो सकते हैं। छत्तरगाम के उस नाके पर पहुंचने से पहले कार में सवार इन लोगों ने पीछे के दो नाको को तोड़ दिया था और उसके बाद यह छत्तरगाम की ओर आगे बढ़ रहे थे। सेना द्वारा चलाई गई गोली को लेकर यह तर्क दिया जा रहा है कि उन्होंने पीछे से गोलियों की आवाज सुनी थी जिसके बाद उनकी तरफ से इन लोगों पर गोलियां चलाई गई जिसमें दो युवक मारे गए और दो अन्य घायल हुए।

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