रविवार, 2 नवंबर 2014

एशिया प्रशांत क्षेत्र में भावी शक्ति संतुलन पर ड्रैगन तरेरेगा आंखे!

21 से 24 अक्टूबर तक जापान दौरे पर रहेंगे वायुसेना प्रमुख।
कविता जोशी.नई दिल्ली

चीन की एशिया प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती दादागिरी से इस इलाके में पैदा हुई अशांति को लेकर भारत समेत दुनिया के तमाम देश चिंतित हैं। इस इलाके में पड़ने वाले दक्षिणी चीन सागर से लेकर पूर्वी चीन सागर में ड्रैगन द्वारा दिखाई जाने वाली हेकड़ी से जापान, भारत समेत दुनिया के कई देशों के सामरिक और व्यापारिक हित प्रभावित हो रहे हैं। इस क्षेत्र की महत्ता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा के मंगलवार रात से शुरू हो रहे अपने चार दिवसीय जापान दौरे में जापान सहित अमेरिका, यूनाइटेड किंग्डम, आॅस्ट्रेलिया, वियतनाम, इंडोनेशिया जैसे देशों के वायुसेना प्रमुखों से इस इलाके में संतुलन स्थापित करने में वायुसेनाआें की भावी भूमिका के मुद्दे पर विस्तार से बातचीत करेंगे। ऐसे में इस बात की भी संभावनाएं हैं कि आने वाले दिनों में यह तमाम देश उक्त इलाके में शाक्ति संतुलन कायम करने के लिए कोई व्यापक रोडमैप दुनिया के सामने रखें। अगर ऐसा हुआ तो ड्रैगन की आंखे इन तमाम देशों की ओर जरूर टेढ़ीं होंगी। आपसी मुलाकात के बाद भारत समेत बाकी देशों के वायुसेना प्रमुख एकदूसरे को प्रेजेंटेशन भी देंगे। वायुसेना प्रमुख इस दौरान जापान के ह्याकूरी एयरबेस का हवाई दौरा भी करेंगे।

यहां राजधानी में मौजूद वायुसेना के सूत्रों ने कहा कि वायुसेना प्रमुख की बातचीत में अशांत एशिया प्रशांत क्षेत्र में संतुलन स्थापित करने में वायुसेनाओं की भावी भूमिका विषय पर बातचीत होगी। इसके अलावा वो फयुचर आॅफ एयर पावर एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के मुद्दे पर भी जापानी नेताआें समेत अन्य देशों के वायुसेना प्रमुखों से वार्ता करेंगे। गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम बनने के बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे पहले जापान का दौरा किया था। अब उसी आलोक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में वायुसेना प्रमुख का यह दौरा बेहद महत्चपूर्ण साबित होगा।

वायुसेना प्रमुख अपने इस दौरे में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे, रक्षा मंत्री अकीनोरी एटो, जापान की एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएएसडीएफ) के प्रमुख जनरल हारूकाजू सैटोह से मुलाकात करेंगे। एयरचीफ मार्शल अरूप राहा इस यात्रा में जापान की सेल्फ डिफेंस एयरफोर्स के स्थापना की 60वीं वर्षगांठ को लेकर आयोजित समारोह में भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि बीते दिनों चीन की इस दादागिरी का तोड़ निकालने के लिए भविष्य में भारत, जापान, आस्ट्रेलिया, अमेरिका का नया गठजोड़ बनने की चर्चाएं भी जोरों पर थीं। इस क्षेत्र में पड़ने वाले दक्षिणी चीन सागर में चीन ने अपने दबदबे के ऐलान के बाद उक्त इलाके में स्वत: नाइन डैश रेखाएं खींचकर और एयर आइडेंटिफिकेशन डिफेंस जोन बनाकर अपना प्रभुत्व जताया और पूर्वी चीन सागर में मौजूद सेंकाकू द्वीपसमूह के 5 में से 3 द्वीपों पर अपनी दावेदारी जतायी जिसे लेकर जापान संग उसकी तनातनी चल रही है। 

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