रविवार, 30 नवंबर 2014

जर्मन भाषा नहीं पढ़ाएंगे केंद्रीय विद्यालय!

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

केंद्रीय विद्यालयों में तीसरी भाषा के रूप में जर्मन भाषा की पढ़ाई को तत्काल रोकने के फैसले की बुधवार को केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी। लोकसभा में सांसद रवनीत सिंह के सवाल के जवाब में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मंत्रालय ने जर्मन भाषा को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने से संबंधित समझौते का नवीकरण नहीं किया है। सरकार जर्मन की जगह पर तीसरी भाषा के रूप में संस्कृत भाषा को शामिल करना चाहती है।

दरअसल देश में मौजूद करीब एक हजार केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 8वीं तक तीसरी भाषा के तौर पर जर्मन भाषा पढ़ाई जा रही है। लेकिन अब नई सरकार ने जर्मन को बंद करके संस्कृत की पढ़ाई कराने का फरमान केंद्रीय विद्यालय संगठन को सुना दिया है। मानव संसाधन राज्य मंत्री ने सदन को बताया कि वर्ष 2011 में केंद्रीय विद्यालय संगठन और गोइथ इंस्ट्टीट्यूट (मैक्स मूलर भवन) के बीच जर्मन भाषा की पढ़ाई को लेकर जो समझौता हुआ था उसके कुछ बिंदु भारत की वर्ष 1968 की राष्टीय शिक्षा नीति के त्रिभाषा फॉर्म्युले से लेकर 2005 के नेशनल करीकुलम फ्रेमवर्क के हिसाब से भी अनुचित है। यह समझौता पुरानी शिक्षा नीति के आदेशों का उल्लंधन करता है।

गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालयों में बीते तीन वर्षों (2012 से 2015 तक) के दौरान कुल 50 हजार 978 बच्चे जर्मन भाषा की पढ़ाई कर रहे हैं। यह संख्या बीते शैक्षणिक सत्र 2013-14 में 36 हजार 728 थी और उससे पहले 2012-13 में 17 हजार 772 थी। मंत्री ने कहा कि जर्मन भाषा पढ़ाए जाने को लेकर हाईकोर्ट में संस्कृत संगठन ने 2013 में याचिका दायर की है। बीते महीने 27 अक्टूबर को हुई केंद्रीय विद्यालय संगठन के बोर्ड आॅफ डायरेक्टर (बीओजी) की बैठक से पहले भी इस मसले पर चर्चा हुई थी। इसमें बीओजी ने यह तय किया कि जर्मन भाषा को संस्कृत के विकल्प के तौर पर पढ़ाया जाए। विदेशी भाषा को छठी से लेकर आठवीं कक्षा के बच्चों को अतिरिक्त विषय या रूचि वाली भाषा के तौर पर पढ़ाया जाए लेकिन तीसरी भाषा के तौर पर ना पढ़ाया जाए। इससे जर्मन भाषा पढ़ने वाले युवाआें पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा जो कि वैश्विक आधार पर दुनिया के सामने खुद को पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। जर्मन के अलावा कुछ केंद्रीय विद्यालयों में चीनी भाषा (मैंड्रिन) को भी हॉबी क्लासेज के तौर पर पढ़ाया जा रहा है।

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