शनिवार, 8 नवंबर 2014

लापता लोगों को ढूंढ़ने में नौसेना ने झोंकी ताकत

बीच में ही सेसल्स दौरा छोड़कर स्वदेश लौट रहे हैं नौसेनाप्रमुख
कविता जोशी नई दिल्ली

नौसेना की पूर्वी कमांड के मुख्यालय विशाखापट्टनम के तट से दक्षिण में 35 नॉटिकल माइल की दूरी पर गुरूवार रात 8 बजे डूबे टीआरवी ए-72 जहाज हादसे में लापता 4 लोगों को ढूढंने के लिए नौसेना ने युद्धस्तर पर अभियान छेड़ दिया है, जिसमें कुल 4 हजार लोगों को लगाया गया है। यहां नौसेना मुख्यालय में मौजूद नौसेना के सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि हादसे की वजह से नौसेनाध्यक्ष एडमिरल राबिन धवन अपना सेशेल्स का 3 से 9 नवंबर का आधिकारिक दौरा बीच में ही छोड़कर शनिवार को स्वदेश लौट रहे हैं और इसके बाद रविवार सुबह वो विशाखापट्टनम में घटना स्थल की ओर रवाना होंगे। विशाखापट्टनम में नौसेनाप्रमुख हादसे में सुरक्षित बचे अधिकारियों, नाविकों और पूर्वी कमांड के अधिकारियों से विस्तार से इस हादसे के बारे में जानकारी लेंगे।

हादसे की जांच, बोर्ड आफ इंक्वारी (बीओआई) के आदेश दे दिए गए हैं। जहाज में कुल 29 लोग सवार थे जिसमें 1 की मौत हो गई, 24 सुरक्षित हैं और 4 लापता हैं। नौसेना ने अपने बयान में कहा है कि टॉरपीडो रिकवरी वेसल (टीआरवी ए-72) जहाज गुरूवार रात 8 बजे डूबा। उस समय जहाज बेड़े के जहाजों द्वारा दागे गए नकली टॉरपीडो को एकत्रित करके विशाखापट्टन की ओर लौट रहा था। टीआरवी-72 में लापता 4 लोगों में 1 अधिकारी और 3 नाविक हैं। अधिकारी कमांडर रैंक का हैं और उसे हथियार विशेषज्ञ बताया जा रहा है। इन लोगों को ढूंढने के लिए 4 हजार लोगों के साथ नौसेना के 10 जंगी जहाजों आईएनएस रंजीत, शिवालिक, सहयाद्रि, शक्ति, विनाश, निर्भीक, सुमित्रा, संधायक, कारमुक, निरीक्षक, 4 विमानों पी8आई, डार्नियर, सीकिंग 42चार्ली, चेतक हेलिकॉप्टरों को लगाया गया है। हादसे में मारे गए एक अधिकारी का नाम पेट्टी आफिसर मैकेनिकल इंजीनियर (पीओएमई) जेम्स जैकब है। इसे बचाव दल ने बचा लिया गया था लेकिन बाद में इसकी मौत हो गई। अन्य लोगों के नामों का खुलासा नौसेना ने नहीं किया है।

इस जहाज का कैप्टन लेफिटनेंट कमांडर रोहन कुलकर्णी हैं, जो सुरक्षित है। गौरतलब है कि बीते एक वर्ष से नौसैन्य उपकरण हादसे का शिकार हो रहे हैं। इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डी.के.जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद अप्रैल 2014 को एडमिरल आर.के.धवन ने नौसेनाप्रमुख का पद संभाला था। बीते 31 अक्टूबर को नौसेना का आईएनएस कोरा पोत विशाखापट्टनम तट से कुछ दूरी एक व्यापारिक कंटेनर से रगड़ खाकर हादसे का शिकार हुआ था। गोवा शिपयार्ड में बनाए गए टीआरवी-72 जैसे नौसेना के पास कुल 3 (अस्त्रावाहिनी, टीआरवी-71, टीआरवी-72) जहाज हैं। इनका इस्तेमाल अभियानों के दौरान नहीं किया जाता है बल्कि इन्हें अभ्यास के बाद सहायक कार्य में लगाया जाता है।

वर्ष 1983 में कमीशन हुआ टीआरवी-72 जहाज बीते 31 सालों से नौसेना में प्रयोग किया जा रहा था। अब तक लगभग 3 बार इसकी मरम्मत की जा चुकी है। प्रत्येक 10 साल में इसका मरम्मत कार्य किया जाता है। नौसेना की शुरूआती जांच कहती है कि जहाज में कुल 3 कपार्टमेंट हैं, जिसमें 2 (इंजन, स्टोरेज) में पानी भरने की वजह से यह हादसा हुआ। तीसरा कंपार्टमेंट स्टियरिंग गेयर होता है। जहाज का भार 112 टन, लंबाई 28.6 मीटर और 6.1 मीटर बीम है।

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