रविवार, 30 नवंबर 2014

पर्रिकर की प्राथमिक्ताआें में शुमार रफाले विमान सौदा

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

भारत के सबसे बड़ा मध्यम लधु बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान सौदा (एमएमआरसीए) रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की प्राथमिक्ताआें में शुमार है। रविवार को भारत के तीन दिवसीय दौरे पर आ रहे फ्रांस के रक्षा मंत्री जीन वेस ली ड्रायन के साथ पर्रिकर 2 दिसंबर को मुलाकात करेंगे जिसमें रफाले लड़ाकू विमान सौदे को अंतिम रूप दिए जाने पर भी चर्चा होगी। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि फ्रांसिसी रक्षा मंत्री की भारत यात्रा के एजेंडे में रफाले विमान सौदा शीर्ष पर शामिल है, जिसे वो यहां अपने समकक्ष रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ बातचीत में अंतिम रूप देने की पूरी कोशिश करेंगे।

गौरतलब है कि फ्रांसिसी विमान निर्माता कंपनी डेसाल्ट रफाले लड़ाकू विमान बनाएंगी। इसके साथ भारत 126 एमएमआरसीए रफाले लड़ाकू विमानों का सौदा करने जा रहा है, जिसकी कुल कीमत करीब 20 अरब डॉलर है। कंपनी सौदे के तहत लगभग 48 महीनों में वायुसेना को 18 विमानों को सीधे देगी और बाकी बचे 108 विमानों का अगले 7 सात सालों के दौरान यहां तकनीक हस्तांतरण (टीओटी) के तहत हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) में उत्पादन किया जाएगा।

मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सौदे से जुड़ी चार अहम समितियों (कांट्रेक्ट नेगोशिएसन समिति, कीमत निर्धारण, तकनीक हस्तांतरण) ने अपना काम पूरा कर लिया है। अब केवल एक समिति का कार्य शेष बचा है, जिसके बाद सौदे को अंतिम मंजूरी देने का रास्ता साफ हो जाएगा। दो साल पहले 2012 में भारत ने इस प्रक्रिया में शामिल पांच प्रतिभागियों में से रफाले विमानों के लिए डेसाल्ट का चयन किया। सौदे से जुड़ी विमानों की परीक्षण प्रक्रिया में दूसरे स्थान पर यूरोपियन यूनियन का यूरोफाइटर टाइफून रहा। कुछ दिन पहले भारत आए ब्रिटेन के रक्षा मंत्री माइकल फलॉन ने कहा था कि अगर इस सौदे को लेकर डेसाल्ट के साथ बातचीत अंतिम स्तर तक नहीं पहुंचती है तो वो अब भी भारत को यूरोफाइटर देने को पूरी तरह से तैयार है।

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