शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

परमाणु पनडुब्बी अरिहंत के समुद्री परीक्षणों का हुआ आगाज

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

स्वदेश में निर्मित देश की पहली परमाणु चालित पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के समुद्री परीक्षणों को सोमवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने विशाखापट्टनम (शिपबिल्डिंग सेंटर) से हरीझंडी दे दी है। उनके साथ राष्‍टृीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवाल और नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर.के.धोवन भी मौजूद थे। हरिभूमि को मिली जानकारी के मुताबिक बैलेस्टिक मिसाइल से दुश्मन पर वार करने की क्षमता रखने वाली अरिहंत पनडुब्बी के समुद्री परीक्षणों को नौसेनाप्रमुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से हरीझंडी दिलवाना चाहते थे। लेकिन संसद सत्र और प्रधानमंत्री की तमाम अन्य व्यस्तताआें के चलते वो इस कार्यक्रम के लिए उपस्थित नहीं हो सके।

समुद्री परीक्षण के मुख्य बिंदु
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अभी तक अरिहंत के हार्बर (बंदरगाह) परीक्षण हुए हैं और सोमवार से इसके समुद्री परीक्षणों की शुरूआत हो गई है। अभी पनडुब्बी का परमाणु रिएक्टर पूरी तरह से आॅपरेशनल स्थिति में है और उसके साथ ही पनडुब्बी का सतह और पानी के भीतर विचरण करने का दौर शुरू हो गया है। समुद्री ट्रायल में नेवीगेशन (दिशा का ज्ञान) से लेकर कम्युनिकेशन सिस्टम, पनडुब्बी में लगे हुए रडारों और हथियारों का परीक्षण होगा। इस कार्य में लगभग एक वर्ष का समय लगेगा और इसके बाद अगले वर्ष के अंत तक या वर्ष 2016 की शुरूआत में अरिहंत को आधिकारिक रूप से नौसेना में कमीशन यानि शामिल कर लिया जाएगा।

रोचक इतिहास से पनडुब्बी का नाता
अरिहंत पनडुब्बी निर्माण परियोजना की सांकेतिक शुरूआत 25 जुलाई 2009 को पाक के खिलाफ लड़े गए करगिल युद्ध की जीत के 10 साल पूरे होने के मौके पर विशाखापट्टनम से की गई थी और आज इसके सबसे महत्वपूर्ण समुद्री परीक्षणों की शुरूआत भी भारत द्वारा पाकिस्तान के विरूद्ध जीते गए एक अन्य महत्वपूर्ण युद्ध की विजय के ठीक एक दिन पहले की जा रही है। याद रहे कि 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाक को विभाजित कर अलग राष्ट बांग्लादेश का निर्माण कराया था। वर्ष 2013 में अरिहंत के 83 मेगावाट के परमाणु रिएक्टर ने काम करना शुरू कर दिया था।

नौसेनाध्यक्ष का बयान
नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.के.धोवन ने बीते 3 दिसंबर को नौसेना दिवस के पूर्व में राजधानी में आयोजित वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि बीते वर्षों में हम यह कहते रहे हैं कि अरिहंत पनडुब्बी के समुद्री परीक्षण जल्द शुरू होंगे। लेकिन इस बार मैं कहूंगा कि इसके समुद्री परीक्षणों की बहुत जल्द ही शुरूआत होगी। नौसेनाप्रमुख के इस बयान के ठीक 12 दिन बाद अरिहंत ने अपने परीक्षणों का आगाज कर दिया है। इसके बाद हम दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शुमार होंगे जहां विमानवाहक युद्धपोत से लेकर परमाणु पनडुब्बी तक बनाई जाएंगी। पनडुब्बी का वजन 6 हजार टन है। इसकी श्रेणी (क्लास) एसएसबीएन है, लंबाई 111 मी., चौ. (बीम) 15 मी., ड्राफट 11 मी. है विशिष्ट देशों के क्लब में भारत अभी भारत के पास एक परमाणु चालित पनडुब्बी आईएनएस चक्र है जो रूस से वर्ष 2012 में दस वर्ष के लिए लीज पर ली गई है। लेकिन अरिहंत के निर्माण के साथ ही भारत दुनिया के उन 6 देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है, जिनके पास परमाणु चालित पनडुब्बियां बनाने और उनके संचालन की क्षमता मौजूद है। यहां बता दें कि अभी यह तकनीक और संचालन क्षमता अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों के पास मौजूद है।

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