रविवार, 14 दिसंबर 2014

अब चीनी मीडिया भी करता पीएलए की घुसपैठ की पुष्टि!

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

भारत-चीन के बीच जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक फैली हजारों किमी. लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना द्वारा की जाने वाली घुसपैठ को लेकर आमतौर पर यह धारणा है कि इन घटनाआें को केवल भारतीय मीडिया ही सतर्क रहता है और इस तरह की खबरों को बढ़-चढ़कर प्रकाशित करता है जबकि चीनी मीडिया इन खबरों को खास तरजीह नहीं देता है। इसके पीछे तर्क रहता है चीन की सत्ता पर सैन्य शासन का काबिज होना। लेकिन शुक्रवार को संसद में ना सिर्फ इस मिथ्या धारणा का पटाक्षेप हुआ बल्कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भारत-चीन द्वारा साझा की जाने वाली पश्चिमी-सीमा के सटे इलाकों का चीन की पीएलए सेना के उच्च-अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दौरा किए जाने की भी पुष्टि की है। सीमा के इस इलाके को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद रहता है, जिसकी वजह से इसे विवादित समझा जाता है। अकसर यहां घुसपैठ और उससे जुड़े विवाद को लेकर खबरें आती रहती हैं।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने लोकसभा में सांसद जी.हरि के प्रश्न के जवाब में कहा कि चीन में प्रकाशित होने वाली मीडिया रिपोर्टों में जानकारी दी गई है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और चीन के केंद्रीय सैन्य कमीशन के उपाध्यक्ष जियु क्लियांग ने इसी वर्ष जुलाई महीने में एलएसी के करीब झिंनजांग, तिब्बत में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी और पीपल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स की टुकड़ियों का निरीक्षण किया। इसके अलावा रक्षा मंत्री ने कहा कि चीनी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने होटन, अली और ल्हासा क्षेत्रों में भी सैन्य टुकड़ी यूनिटों का दौरा किया।

गौरतलब है कि चीनी सेना ने एलएसी पर 300 से ज्यादा बार घुसपैठ कर भारतीय सीमा में प्रवेश किया है। इस दौरान उन्होंने उस इलाके को अपना बताया और कई दिनों तक टेंटों और अन्य सैन्य साजो-सामान के साथ वहां डटे रहे। उधर जुलाई में चीनी अधिकारियों के इस दौरे के ठीक एक महीने बाद सितंबर में चीनी सेना ने लद्दाख के चुमार इलाके में भारतीय सीमा में घुसपैठ की। इस मसले पर करीब दोनों देशों के बीच 16 दिनों की जद्दोजहद के बाद विवाद का निपटारा हुआ था। इसमें खास बात यह है कि यह घुसपैठ उस मौके पर की गई थी जब चीनी राष्टपति शी जिनपिंग भारत के आधिकारिक दौरे पर नवनियुक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और व्यापार को गति देने जैसे मुद्दों पर गंभीर बातचीत कर रहे थे। 

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