शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

सेना के स्कूलों का बढ़ाया गया सुरक्षा घेरा!

कविता जोशी.नई दिल्ली

बीते 16 दिसंबर को पाकिस्तान के पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए तालिबान समर्थित आतंकी हमले के बाद अब भारत ने भी एहतियातन अपने सैन्य स्कूलों की सुरक्षा बढ़ा दी है। देश में लगभग 275 आर्मी स्कूल हैं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि पेशावर हमले के बाद हमने सैन्य स्कूलों का सुरक्षा घेरा पुख्ता कर दिया है। देश के अलग-अलग भागों में स्थित सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा भी चाक-चौबंद कर दी गई है। हमले के तुरंत बाद देश में खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी हाईअलर्ट में राज्यों की राजधानियों समेत प्रमुख शहरों, मैट्रो स्टेशनों, बस-अड्डों, रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ाई गई है।

ऐसे होगा सुरक्षा घेरा मजबूत
सैन्य स्कूलों से लेकर मिलिट्री संस्थानों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए सेना द्वारा जारी हाई-अलर्ट में एक खास किस्म के सुरक्षा उपायों को अपनाया गया है। इसमें सैन्य स्कूलों में जरूरी सुरक्षाबलों की संख्या में इजाफा करने, त्वरित कार्रवाई दलों (क्यूआरटी) द्वारा स्कूलों की लगातार निगरानी करना, आस-पास के इलाकों में मोबाइल फोन की ट्रेसिंग, स्कूलों के आस-पास संदिग्ध गतिविधि मिलने पर त्वरित कार्रवाई करने को लेकर इतंजाम किए गए हैं।

मुशरर्फ-हाफिज सईद की धमकी
भारत द्वारा सुरक्षा घेरा बढ़ाने के पीछे पेशावर हमले के ठीक बाद आए पाक के पूर्व राष्टपति और सेनाप्रमुख जनरल परवेज मुशरर्फ और मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले का सरगनाह हाफिज सईद की वो धमकी भी है, जिसमें दोनों ने पेशावर हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। हाफिज सईद ने अपने भड़कीले भाषणों में भारत को चेतावनी देते हुए हमले करने की धमकी भी दी है। सेंट्रल जोन का गठन सेना के सूत्रों का कहना है कि भारत ने अमेरिकी राष्टपति बराक ओबामा के 26 जनवरी को परेड में मुख्य अतिथि बनाए जाने की पुष्टि के बाद ही तमाम संस्थानों की सुरक्षा मजबूत कर दी गई थी। सेना एक सेंट्रल जोन के जरिए अपने सभी संस्थानों, संगठनों, प्रतिष्ठानों के साथ सीधे संपर्क में है और लगातार हर गतिविधि की विस्तार से बारीक जानकारी ले रहा है। इस जोन का गठन बाकी जगहों के साथ 24 घंटों समन्वय स्थापित करने के लिए किया गया है।

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