मंगलवार, 9 दिसंबर 2014

किसी को अनुचित ढंग से नुकसान नहीं होगा: ले.जनरल हुड्डा

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर स्थित सेना की उत्तरी-कमांड के प्रमुख लेμिटनेंट जनरल डी.एस.हुड्डा ने अपने अधीनस्त वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से लेकर तमाम डिवीजन प्रमुखों से कहा है कि सेना में किसी को अनुचित ढंग से कोई नुकसान नहीं होगा। उनका कहना है कि गलतियां होंगी लेकिन मैं आपको इस बात के लिए आवश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं भी उन चुनौतियों और मुश्किल हालातों के बारे में पूरी जानकारी और समझ रखता हूं जिनमें हम काम करते हैं। इसे जानते हुए मैं यह कह सकता हूं कि किसी के साथ कुछ भी गलत नहीं होगा। इस स्पष्ट संदेश को सभी यूनिटों में भेजा जाए। ले.जनरल हुड्डा का यह पत्र छत्तरगाम आॅपरेशन में सेना की गलती स्वीकारने के उनके बयान के कुछ समय बाद आया है।

यह वाक्य ले.जनरल हुड्डा के उस पत्र के हैं जो उन्होंने बीते सप्ताह उत्तरी-कमांड के तहत आने वाली 14, 15 और 16वीं कोर के प्रमुखों से लेकर इस इलाके में तैनात सेना की तमाम डिवीजन मुख्यालयों को भेजा है। यहां बता दें कि ले.जनरल हुड्डा वहीं अधिकारी हैं जिन्होंने बीते 3 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले के छत्तरगाम में सेना के आॅपरेशन को गलत बताते हुए सार्वजनिक तौर पर मीडिया के समक्ष माफी मांगी थी। उनकी इस टिप्पणी से सेना सीधे तौर पर कठघरे में खड़ी हुई। इतना ही नहीं राज्य में सेना की मौजूदगी और कई दशकों से बेरोकटोक चलाए जा रहे शांति बहाली के प्रयासों पर भी गंभीर सवालिया निशान लगे। गौरतलब है कि सेना के आॅपरेशन में दो कश्मीरी युवकों की मौत हो गई थी। इस पर कोर्ट आॅफ इंक्वारी चल रही है। लेकिन सैन्य अदालत की जांच पूरी होने से पहले जनरल हुड्डा ने इस पूरे प्रकरण पर माफी मांगी ली थी और सेना की कार्रवाई को गलत बताया था।

जनरल हुड्डा के इस पत्र की एक प्रति हरिभूमि के पास मौजूद है। यह पत्र आधिकारिक रूप से उन्होंने ही लिखा है। इसकी पुष्टि हरिभूमि ने अपने सूत्रों से की है। उन्होंने लिखा है कि उत्तरी-कमांड में अलग तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसमें एक ओर जहां हम इस बात के प्रतिबद्ध रहना होता है कि देश सेना के बारे में क्या विचार रख रहा है और दूसरी ओर यह देखना बेहद जरूरी है कि हम अपने बारे में क्या विचार रखते हैं। उन्होंने सभी कोर के प्रमुखों को लिखा है कि वो अधिकारियों और जवानों की ट्रेनिंग और शिक्षण पर ध्यान दें जिसमें उन परिस्थितियों का जिक्र हो जिसमें हम काम करते हैं। उस दौरान उन्हें सेना के मापदण्ड़ों के हिसाब से प्रतिक्रिया करने के बारे में जानकारी दी जाए। मैं किसी को अलग से संबोधित नहीं कर रहा हूं। मैं जानता हूं कि आप सभी अलग-अलग परिस्थितियों में काम करते हैं लेकिन आप सभी वरिष्ठ और अनुभवी हैं और यह जानते हैं कि कैसे सही दिशा पकड़नी है।

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