शुक्रवार, 5 दिसंबर 2014

अब संगठित होकर हमलों की अंजाम देंगे आतंकी!

कविता जोशी.नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर में सेना के मोहुरा कैंप सहित अन्य जगहों पर हुए आतंकी हमलों के बाद खुफिया एजेंसियों को खबर मिली है कि विधानसभा चुनावों के बाकी बचे तीन चरणों में आतंकी बेहद समन्वित अंदाज में हमले करके बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने की तैयारी कर रहे हैं। जिन जगहों पर शुक्रवार को हमले किए गए हैं उनमें 9, 14 और 20 दिसंबर को अंतिम चरण में मतदान होना है। सूबे में और उससे बाहर (पीओके) लंबे अर्से से सक्रिय आतंकी संगठनों की योजना आने वाले दिनों में बेहद सधे हुए अंदाज में संगठित होकर हमलों को अंजाम देने की होगी। जिससे बड़ी संख्या में सैन्यबलों का मनोबलों तोड़ने के अलावा लोगों को भी मतदान से दूर रहने की धमकी देना है।

संगठित हमलों की रणनीति
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अभी जम्मू-कश्मीर में लश्करे तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अलबदर और अलकायदा जैसे आतंकी संगठन सक्रिय हैं। इसके अलावा पाक समर्थित आतंकी संगठन भी नियंत्रण रेखा लांघकर लगातार हमले करते रहते हैं। मोहुरा कैंप उत्तरी-कश्मीर के उरी (बारामूला जिला) में पड़ता है। उरी में 9 दिसंबर को तीसरे चरण के दौरान मतदान होना है। इसके अलावा तराल (अनंतनाग से बेहद करीब) और शोपियां को आतंकियों ने निशाना बनाया है। उसमें बारामूला, तराल में 9 दिसंबर और 14 दिसंबर यानि चौथे चरण में शोपियां, अनंतनाग और अंतरराष्टीय सीमा (आईबी) से लगे सांबा, विजयनगर में मतदान होगा। इन जगहों पर हमला करके आतंकी लोगों को चुनाव में वोट डालने से रोकना चाहते हैं। 20 दिसंबर को अंतिम चरण में जम्मू की कठुआ, आर.एस.पुरा और अखनुर सीटों के लिए मतदान होगा।

इसके पीछे की वजह
आतंकियों ने संगठित होने की रणनीति इसलिए बनाई है। क्योंकि बीते दिनों किए गए हमलों में वो सेना को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाए और राज्य में मतदान का प्रतिशत भी काफी अच्छा रहा। अब उनकी योजना है कि चुनाव के शेष तीन चरणों के दौरान उनके पास मौजूद हथियारों और विस्फोटकों का भारी मात्रा में उपयोग करके नुकसान का स्तर बढ़ाया जाए।

सेना ने तोड़ा आतंकियों का मनोबल
चुनावों की शुरूआत से पहले ही राज्य में आतंकी हिंसा की घटनाआें में तेजी के संकेत मिलने लगे थे। इसे देखते हुए सेना ने अपनी पूरी ताकत इन्हें रोकने और शांतिप्रिय चुनाव संपन्न कराने की दिशा में झोंक दी। इसका नतीजा यह हुआ कि मौजूदा साल 2014 में सेना ने 103 आतंकियों को मार गिराया। बीते वर्ष यह आंकड़ा 65 था। वर्ष 2014 में सूबे में आतंकी हिंसा की कुल 60 घटनाएं हो चुकी हैं जबकि बीते वर्ष 2013 में इस तरह की 80 घटनाएं हुई थी।

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