शनिवार, 10 जनवरी 2015

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर 26 जनवरी से शुरू होगा विमर्श का दौर

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के खाके को जल्द ही अमलीजामा पहनाने के लिए 26 जनवरी यानि गणतंत्रण दिवस से देश में चर्चाओं का व्यापक दौर शुरू किया जाएगा। इसमें मंत्रालय की ओर से केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी, मंत्रालय में काबिज दोनों शिक्षा राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, रामशंकर कठेरिया समेत तमाम अधिकारी व्यक्तिगत रूप से देश में हर स्तर पर जाएंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे। केंद्र की ओर से शिक्षा से जुड़े मसलों पर पूर्ण सहयोग देने का केंद्र ने राज्यों को आश्वासन दिया है।

केंद्र करेगा राज्यों से बातचीत की पहल
यहां मंगलवार को राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक से इतर पत्रकारों के सवालों के जवाब में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा नई सरकार की प्राथमिक्ताओं में स्कूली से लेकर उच्च-शिक्षा कैसी हो के बारे में गंभीर मंथन किया जा रहा है। इस बदलाव को लेकर हम 26 जनवरी से देशभर में गांव से लेकर जिला, ब्लॉक और जोनल स्तर पर खुद जाकर लोगों से मिलेंगे और उनके विचार जानेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की थीम को लेकर भी केंद्र, राज्यों से बातचीत करेगा।

मंत्रालय में बैठकर फरमान नहीं चलाएंगे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा का असल चेहरा-मोहरा तैयार करने में राज्य सरकारें अहम भूमिका निभाएंगी। उनके सहयोग के बिना इसे यर्थाथ नहीं बनाया जा सकता। हम दिल्ली में बैठकर फरमान जारी नहीं करेंगे बल्कि शिक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर देश भ्रमण करेंगे। राज्य सरकारें हमें इस बात की जानकारी दें कि वो किन जगहों पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर विचार-विमर्श करना चाहते हैं। केंद्र और राज्य दोनों को मिलकर यह तय करना होगा कि अगले 10 साल में शिक्षा के मामले में हमें किन चीजों को लेकर तैयार रहना चाहिए।

क्रेडिट बेस फ्रे मवर्क सिस्टम पर जोर
इस बार बैठक की थीम क्रेडिट बेस फे्रमवर्क सिस्टम पर रखी गई जिसमें केंद्र की ओर से राज्यों से यह अपील की गई कि वो इसे वर्ष 2015-16 के शैक्षणिक सत्र से अपने यहां लागू करें। राज्यों की ओर से इस मुद्दे पर संसाधनों की कमी, प्रशिक्षित शिक्षकों के अभाव, सिस्टम को लागू करने के लिए कक्षाआें जैसी जरूरी मूलभूत सुविधाआें की कमी की बात कही गई जिसमें केंद्र की ओर से सहयोग देने की बात कही गई है।

मेक इन इंडिया पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने के लिए युवाआें को स्किल आधारित प्रशिक्षण देने पर सरकार का पूरा जोर रहेगा। मंत्रालय खासकर उन कोर्सेज को बढ़ावा देगा जिससे स्कूल से निकलकर कोई भी छात्र-छात्रा इनके जरिए रोजगार पा सकेंगे। यूजीसी ने इस बाबत दिशानिर्देंश भी जारी किए हैं। सरकार का जोर उद्योग जगत की मांगों को भी ध्यान में रखने का है, जिससे ऐसे कोर्स शुरू किए जाएंगे जिनमें दाखिला लेने के बाद सीधे रोजगार मिल सकेगा।

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