शनिवार, 24 जनवरी 2015

युद्धक भूमिका में आने को बेताब हैं नौसेना की महिला अधिकारी!

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

भारतीय सीमाओं की रक्षा के दौरान दुश्मन का मुकाबला करते हुए आमतौर पर पुरूषों को ही देखा-सुना जाता है। लेकिन अब वो दिन दूर नहीं जब भारत में भी सेनाआें की हर शाखा में महिला अधिकारियों को युद्धक भूमिका में देखा जा सकेगा। नौसेना के यहां राजधानी में मौजूद सूत्रों का कहना है कि अभी नौसेना की ओर से इस तरह का कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है। लेकिन भविष्य में अगर सरकार की ओर से इस तरह का कोई विचार आता है तो हम उसका स्वागत करेंगे। लेकिन इससे इतर नौसेना की महिला अधिकारी से जब इस बाबत हरिभूमि ने सवाल किया तो उन्होंने बेहद उत्साहित अंदाज में कहा कि युद्ध के दौरान वो पुरूष अधिकारियों के साथ ना केवल कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी बल्कि उनसे भी एक कदम आगे बढ़कर दुश्मन से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं।

आगे बढ़कर करेंगे दुश्मन का मुकाबला
नौसेना की मुंबई डॉकयार्ड की एजूकेशन ब्रांच में तैनात 27 वर्षीय युवा अधिकारी सुरभि गांधी ने हरिभूमि से खास बातचीत में कहा कि इस बार वो 26 जनवरी को परेड में नौसेना के महिला दस्ते के साथ राजपथ पर लेफ्ट-राइट करेंगी। इसमें उनके साथ उनकी सगी बहन सलोनी गांधी (25 वर्ष) भी होंगी। सलोनी भी नौसेना की एक अधिकारी हैं। सुरभि का कहना है कि नौसेना की कार्यप्रणाली खासतौर पर समुद्र और जंगी जहाजों से जुड़ी हुई है। अगर सरकार की ओर से महिला अधिकारियों को युद्धपोतों और जंगी जहाजों में तैनाती का प्रस्ताव आता है तो इसके लिए हम बिलकुल तैयार हैं। एक बार तैनाती के बाद हम युद्ध में पुरूषों से भी एक कदम आगे बढ़कर दुश्मन के दांत खट्टे करने का माद्दा रखती हैं। इसमें अपनी मातृभूमि की एक-एक इंच की
रक्षा के लिए हम किसी भी चुनौती का सामना करने को तत्पर और तैयार हैं।

राजपथ पर महिलाएं हैं आकर्षण
हिमाचल-प्रदेश की रहने वाली सुरभि कहती हैं कि जब पिछले दिनों मैंने राजपथ पर परेड से पहले अभ्यास में भाग लिया तो देखा कि आस-पास खड़े लोग महिलाओं को देखकर काफी खुश हैं और हमारे लिए एक खास आकर्षण उनमें देखने को मिल रहा था। कई लोग आते-जाते वक्त हमें अभ्यास करते हुए देखकर कुछ देर जरूर रूक जाते थे और हमें टकटकी लगाकर देखते थे।

ओबामा के आने से पहले ही बढ़ गया उत्साह
मैंने जब राजपथ पर परेड अभ्यास किया तो मेरे मन में यह ख्याल बार-बार आ रहा था कि जैसे आज 26 जनवरी हो और मैं अमेरिकी राष्टÑपति बराक ओबामा के सामने राजपथ पर मार्च कर रही हूं। ओबामा के आने को लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं। सुरभि गणतंत्र दिवस परेड में दूसरी बार शिरकत कर रही हैं। इससे पहले बीते वर्ष 2014 में उन्होंने अमर जवान ज्योति पर मौजूद सेनाओं के तीन गार्डों (थलसेना, वायुसेना, नौसेना के तीन गार्ड होते हैं, जिनकी एक-एक अधिकारी अगुवाई करता है।) में नौसेना के गार्ड की अगुवाई की थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह द्वारा परेड की शुरूआत से पहले अमर जवान ज्योति पर श्रंद्धाजलि अर्पित करने के दौरान उन्हें सलामी दी थी। लेकिन उस वक्त सेनाओं का पूरा महिला दस्ता परेड में भाग नहीं लेता था।

परेड में दो बहनों का कमाल
परेड में महिला दस्ते में दो सगी बहनें एक-साथ लेफ्ट-राइट करती हुई नजर आएंगी। इसमें से एक थलसेना की युवा लेफ्टीनेंट प्रभजोत दावेता और वायुसेना की फ्लाइंग आॅफिसर रमणिक दावेता शामिल हैं। दोनों का कहना है कि वो अपने पिता के प्रोत्साहन की वजह से सशस्त्र सेनाआें के दो महत्वपूर्ण अंगों सेना और वायुसेना में शामिल हुई हैं। देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौच्छावर करने के जज्बे की वजह से यह दोनों बहनें सेनाओं से जुड़ी और इस बार परेड का हिस्सा बनकर खासी उत्साहित भी हैं। इससे यह साफ हो जाता है कि सशस्त्र सेनाएं केवल पुरूषों के लिए ही नहीं बल्कि महिलाआें के लिए भी एक पसंदीदा केरियर का विकल्प बनता जा रहा है।

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