गुरुवार, 26 फ़रवरी 2015

प्रथम विश्व युद्ध में 11 भारतीयों को विक्टोरिया क्रॉस का सम्मान

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना में भारतीय सैनिकों की लंबी चौड़ी भागीदारी थी। करीब 1.5 मिलियन भारतीय सैनिक थे जो ब्रिटिश सेना के तौर पर लड़ाई के लिए शामिल किए गए थे। इनमें से 11 बहादुर भारतीय सैनिकों को उस वक्त के सर्वोच्च सैनिक सम्मान विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था। यह जानकारी यहां मंगलवार को राजधानी में मौजूद थलसेना के सूत्रों ने दी। यहां बता दें कि आगामी 9 से 14 मार्च तक भारत में प्रथम विश्व युद्ध के सौ साल पूरे होने के मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

सूत्र ने कहा कि विक्टोरिया क्रॉस प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान आमने-सामने की लड़ाई में शत्रु को दिखाई गई बहादुरी के लिए भारतीय सैनिकों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सैन्य अलंकरण था। वास्तव में भारतीय सैनिक विक्टोरिया क्रॉस के लिए पात्र नहीं थे। इसके बजाय उन्हें सर्वोच्च अलंकरण के तौर पर ‘इंडियन आॅर्डर आॅफ मेरिट’ प्रदान किया जा सकता था। जिसकी स्थापना 1837 में की गई थी। 19वीं शताब्दी के अंत तक भारतीय सैनिकों को विक्टोरिया क्रॉस प्रदान किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी थी। 1911 में भारतीय सैनिक इस पुरस्कार के लिए पात्र घोषित हो गए। प्रथम विश्वयुद्ध में करीब 74 हजार भारतीय सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी।

जिन 11 सैनिकों को यह सम्मान दिया गया उनमें खुदादाद खान (बेल्जियम में लड़े), दरवान नेगी (फ्रांस), छट्टा सिंह (मेसोपोटामिया), लाला (मेसोपोटामिया), शाहमाद खान (मेसोपोटामिया), गब्बर नेगी (फ्रांस), मीर दस्त (बेल्जियम), कुलबीर थापा (फ्रांस), गोबिंद सिंह (फ्रांस), करण बहादुर राणा (एल कफ्र, मि), बदलू सिंह (फिलीस्तीन)शामिल हैं।

1 टिप्पणी:

  1. Do read this about India and WW-I:
    2014 पहले विश्वयुद्ध की सौवीं वर्षगांठ है. जब भारत अंग्रेजों से अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, तब भारत के सैनिक अंग्रेजों के लिए यह महासंग्राम लड़ रहे थे. इस युद्ध में अंग्रेजों को विजय तो मिली, लेकिन भारत और भारतीयों के लिहाज से इस विजय में कुछ भी सम्मानजनक नहीं था
    http://tehelkahindi.com/the-first-world-war-battle-of-india/

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