शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

राष्‍ट्रपति करेंगे गैलेंट्री व अन्य पुरस्कारों का वितरण

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

सोमवार 26 जनवरी की शाम राष्टÑपति प्रणब मुखर्जी 374 वीरता पुरस्कारों के साथ सशस्त्र सेनाओं के जांबाजों को सैन्य सम्मानों का वितरण करेंगे। इसमें 2 अशोक चक्र, 3 कीर्ति चक्र, 12 शौर्य चक्र, 48 सेना मैडल, 2 नौसेना मैडल, 11 वायुसेना मैडल, 28 परम विशिष्ट सेवा मैडल, 3 उत्तम युद्ध सेवा मैडल, 3 बॉर टू अति विशिष्ट सेवा मैडल, 53 अति विशिष्ट सेवा मैडल, 13 युद्ध सेवा मैडल, 42 सेना मैडल, 8 नौसेना मैडल, 19 वायुसेना मैडल, 4 बॉर टू विशिष्ट सेवा मैडल और 124 विशिष्ट सेवा मैडल शामिल हैं।

रक्षा मंत्रालय द्वारा रविवार को दी गई जानकारी के मुताबिक शांतिकाल में दिए जाने वाले देश के सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र से इस बार नायक नीरज कुमार सिंह और मेजर मुकुंद वरदराजन को नवाजा जाएगा। यह सम्मान दोनों को मरणोपरांत दिया जा रहा है। नायक नीरज कुमार सिंह राष्ट्रीय राइफल (13 राजपूताना राइफल) की 57 वीं बटालियन में तैनात थे। उन्हें यह सम्मान उनके द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुकाबले करते वक्त अपनी जान की परवाह किए बिना उनके मिशन को नाकामयाब करने की वजह से दिया जा रहा है।

घटना 24 अगस्त 2014 को कुपवाड़ा (जम्मू-कश्मीर) के गुरदाजी की है, जहां आतंकियों की तलाश के लिए चलाए गए एक सर्च अभियान में दुश्मन की ओर से आई भारी गोलीबारी में नीरज के एक साथी की मौत हो गई। लेकिन बिना घबराए नीरज आतंकियों के पीछे लग गए, एक आतंकी ने उनपर अचानक एक ग्रेनेड फेंककर भारी गोलीबारी शुरू कर दी। लेकिन बिना डरे अपने आप को एक-एक इंच आगे बढ़ाते हुए नीरज आतंकी के बिलकुल सामने पहुंच गए और उसे उसे मार गिराया। लेकिन इसके साथ ही दूसरे आतंकी ने उन पर हमला बोल दिया और उनकी बंदूक छीन कर नीरज के सीने में गोली मारी, घायल नीरज ने हिम्मत नहीं हारी और आतंकी को दबोचकर उसके हथियार छीनकर उसके साथ बिना हथियारों से लड़कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं इस जाबांज ने अचेतन अवस्था में जाने से पहले किसी तरह का कोई उपचार लेने से भी मना कर दिया। लेकिन बाद में जब नीरज को कुछ उपचार देने की कोशिश की गई तो उस दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

राष्ट्रपति द्वारा मेजर मुकुंद वरदराजन (राष्‍ट्रीय राइफल, 22 राजपूत) को भी अशोक चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह सम्मान जम्मू- कश्मीर के शोपिंया जिले में आतंकवाद रोधी आॅपरेशन में अद्भभुत साहस और पराक्रम का परिचय देने के लिए दिया जाएगा। 25 अप्रैल 2014 को शोपियां में हुए इस आॅपरेशन में मेजर वरदराजन ने अपूर्व साहस, सटीक योजना और तुरंत कार्रवाई करते हुए हिजबुल मुजाहिद्दीन के तीन शीर्ष आतंकियों को मार गिराया।

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