सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

रेल मंत्री से सीखी पर्यावरण की ए-बी-सी-डी: जावड़ेकर

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

बीते वर्ष 26 मई को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व बनी नई राजग सरकार में केंद्रीय पर्यावरण-वन एवं जलवायु परिवर्तन (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर हैं। यह सभी जानते हैं। लेकिन हममें से शायद ही कोई इस बात को जानता हो कि देश के पर्यावरण मंत्री को पर्यावरण के बारे में यानि प्रकृति और उसके प्राकृतिक विविधता के बारे में सामान्य ज्ञान दिया रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने।

रेल मंत्री ने दिया पर्यावरण संबंधी ज्ञान
बीते दिनों राजधानी में हुए एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोगों से यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि मुझे पर्यावरण के बारे में सामान्य से लेकर विशेष जानकारी मेरी वरिष्ठ साथी और रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दी है। इससे पहले मैं पर्यावरण या इससे जुड़े हुए अन्य विषयों के बारे में ज्यादा नहीं जानता था। पर्यावरण मंत्री के इस वकतव्य को मंच पर आसीन केलिफोर्निया (अमेरिका) के पूर्व गवर्नर आरनोल्ड सोवॉशनेगर और फ्रांस के विदेश मंत्री लॉरेंट फेबियस समेत तमाम देशी-विदेशी मेहमान ध्यान से सुन रहे थे। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए जावड़ेकर ने कहा कि आज से पहले पर्यावरण के बारे में मुझे कोई खास जानकारी नहीं थी। लेकिन सुरेश प्रभु के दिए ज्ञान और संयोग की बदौलत आज मुझे पर्यावरण-वन संबंधी मामलों के मंत्रालय का कार्यभार संभालने की जिम्मेदारी मिल गई है, जिसे मैं पूरी ईमानदारी-निष्ठा से निभा रहा हूं।

छात्र जीवन से एवीबीपी से रहा जुड़ाव
वर्ष 2002 से 2014 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता रहे प्रकाश जावड़ेकर राज्यसभा सदस्य हैं। उनका जन्म 30 जनवरी 1951 को महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक शिक्षक के घर में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा पुणे के स्कमल से ही प्राप्त कर उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय में बीकॉम कोर्स में दाखिला लिया। इसी दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) के सदस्य बन गए और कई आंदोलनों का नेतृत्व किया।

आपातकाल में निभाई भूमिका
जावड़ेकर ने 1975 में आपातकाल के दौरान सत्याग्रह आंदोलन का भी नेतृत्व किया। 1971 में एवीबीपी का सदस्य रहते हुए वे महाराष्ट्र बैंक में ग्रामीण विकास विभाग, सिक यूनिट सेल तथा बैंक के संवर्धन कार्यक्रम विभाग में लगभग 10 वर्षों तक काम किया। 1975 में पुणे विश्वविद्यालय की सीनेट के सदस्य चुने गए।

1984 में राष्ट्रीय राजनीति में आए
वर्ष 1984 में जावड़ेकर राष्ट्रीय राजनीति में आए। 1981 में भारतीय जनता पार्टी के पूर्ण रूप से सदस्य बन गए और इसके बाद 1984 में वे भारतीय राष्ट्रीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव व जनरल सेकेट्री बने। वर्ष 2002 में भाजपा का राष्‍ट्रीय प्रवक्ता बनने के बाद अब वे केंद्र में मंत्री हैं।

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