सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

चीनी घुसपैठ की काठ बनेगा सूडान में डिफें स अटासे की नियुक्ति

कविता जोशी.नई दिल्ली

सूडान कहने को उत्तर-पूर्व अफ्रीका में स्थित एक छोटा सा देश है। लेकिन बीते कुछ सालों में इसकी महत्ता दुनिया के मानचित्र पर तेजी से उभरी है। प्राकृतिक संसाधनों में पेट्रोलियम और कच्चे-तेल के अपार भंड़ारों से भरा पड़ा सूडान आज ना सिर्फ दुनिया की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यस्था है। बल्कि दुनिया के सभी देशों के लिए सामरिक-वाणिज्यिक आकर्षण का प्रमुख केंद्र भी बनता जा रहा है। ऐसे में सूडान में भारत की दिलचस्पी बढ़ना लाजमी है। इस दिशा में पहला कदम भारत ने वहां डिफेंस अटासे (डीए) की नियुक्ति करने के रूप में उठा लिया है। सूडान में भारत अपनी मौजूदगी बीते कुछ समय से वहां बढ़ रही चीनी दखलंदाजी को देखते हुए भी कर रहा है। दूसरे शब्दों में डीए की नियुक्ति को चीन की बढ़ती दखलंदाजी की काठ भी कहा जा सकता है। डिफेंस अटासे को रक्षा प्रतिनिधि भी कहा जाता है। सूडान को अफ्रीका और अरब जगत का सबसे बड़ा देश के रूप में भी जाना जाता है।

सूडान में डीए रखने का फायदे
रक्षा मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि सूडान में बीते कुछ समय से चीन इंफ्रास्ट्रक्चर परियोनाआें से लेकर एशिया में उसका अकेला प्रमुख वाणिज्यिक भागीदार बना हुआ है। ऐसे में भारत ने यह फैसला किया है कि जल्द ही वो भी सूडान में अपना डिफेंस अटासे नियुक्त करेगा। सूडान में डीए नियुक्त होने के बाद भारत उसके भीतर राजनीतिक, रणनीतिक और सैन्य-स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्शाने में कामयाब हो जाएगा। जिसके दूरगामी फायदे मिलेंगे। इसके अलावा सूडान के पड़ोसी देशों जैसे कांगों, लेबनान, इथोपिया, इरीट्रिया, मिस्र, यूएई जैसे देशों में चल रही तमाम गतिविधियों पर भी नजर बनाए रखने में भारत को आसानी होगी।

पहली बार होगी डीए की नियुक्ति
आजाद भारत के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब भारत, सूडान में अपना रक्षा प्रतिनिधि नियुक्त करेगा। नियुक्ति प्रक्रिया की शुरूआत रक्षा मंत्रालय में हो चुकी है। जल्द ही अधिकारी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। सूत्र का कहना है कि इस पद के लिए कर्नल स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जाती है।

सूडान में बढ़ती चीनी गोलबंदी
चीन सूडान के अलावा उसके पड़ोसी देशों कांगों, लेबनान, इथोपिया में भी तेजी से विकास कार्यों के बहाने प्रवेश कर अपने सामरिक-रणनीतिक हितों को साधने की अपनी पुरानी रणनीति में लगा हुआ है। देर से ही सही भारत ने भी इस दिशा में एक अच्छी पहल कर दी है।

सूडान की भौगोलिक स्थिति
सूडान की जनसंख्या वर्ष 2013 की जनगणना के हिसाब से 37.96 मिलियन है। सूडान के पूर्व में इरीट्रिया और इथोयोपिया, उत्तर में मिस्र, उत्तर-पश्चिम में लीबिया, द-पूर्व में युगांडा, केन्या, द.पश्चिम में कांगों है। अफ्रीका की प्राचीन नील नदी सूडान को दो भागों पूर्व और पश्चिम में बांटती है। इसके उत्तर-पूर्व में लाल सागर (रेड सी) है।

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