शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

दो साल का बीएड-एमएड करके बनेंगे अच्छे शिक्षक

कविता जोशी.नई दिल्ली

देश में अच्छे शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से टीचर एजूकेशन पाठ्यक्रम में कई बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। इस बदलाव के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया एचआरडी मंत्रालय के दौरे में दिए गए अच्छे शिक्षक बनाने की सोच एक बड़ा आधार है। पीएम ने बीते वर्ष 25 दिसंबर को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पं मदन मोहन मालवीय राष्टÑीय टीचर एजूकेशन कार्यक्रम की शुरूआत भी की है, जिसके तहत बीते 6 महीने से मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है।

दो साल का होगा बीएड-एमएड कार्यक्रम
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में सचिव वृंदा स्वरूप ने कहा कि हमने योजना बनाई है कि अब बीएड और एमएड का कोर्स दो साल का होगा। क्योंकि एक साल के दौरान बच्चे को अच्छा टीचर बनने के लिए पाठ्यक्रम में जो जरूरी चीजें सीखने की आवश्यक्ता होती है, उन्हें वो नहीं सीख पा रहा है। इसलिए हमने इस अहम कोर्स को दो साल का करने का फैसला किया है। इसके अलावा अब एमएड का कोर्स ओपन मोड यानि कॉरसपॉंडेंस से नहीं होगा बल्कि यह अनिवार्य रूप से रेगुलर ही करना होगा। आंकड़ों के हिसाब से देश में हर साल करीब 13 लाख शिक्षक अलग-अलग संस्थानों से निकलते हैं। हमारी योजना दो साल में इसे करीब 25 लाख करने की है।

टीचर एजूकेशन के 12 कार्यक्रमों में बदलाव
टीचर एजूकेशन के क्षेत्र में अभी तक कुल 13 पाठ्यक्रम चल रहे थे। इसमें हमने 12 में बदलाव किया और 3 नए कोर्सेज शुरू किए हैं। इसका उद्देश्श्य अच्छे शिक्षक तैयार करना, इस पेशे के प्रति बच्चों में ज्यादा से ज्यादा आकर्षण पैदा करना है। नए कोर्सेज में 12 वीं के बाद बच्चा 4 साल का इंटीग्रेटेड टीचर एजूकेशन कार्यक्रम का कोर्स कर सकता है, जिसमें बीए-बीएसी के साथ दो साल बीएड किया जा सकता है। दूसरे कोर्स में हम ऐसे अच्छे शिक्षकों को प्रमोट कर रहे हैं जो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। लेकिन वो बीएड नहीं हैं। वे टीचर स्कूलों में अवकाश के दौरान पार्ट टाइम बीएड का कोर्स कर सकते हैं। कई बार मास्टर्स करने के बाद भी नौकरी नहीं मिलती। उनके लिए हमनें बीएड+एमएड का तीन साल का इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किया है। जिसे करने के बाद कोई भी अच्छा शिक्षक या टीचर एजूकेटर बन सकता है।

जस्टिस वर्मा समिति के सुझाव
वर्ष 2012 में सुप्रीम कोर्ट की टीचर एजूकेशन के मुद्दों को देख रही जस्टिस वर्मा समिति ने भी इस बाबत कई अहम सुझाव दिए जिन पर हमनें राज्यों से भी बात की है। समिति के सुझावों को हम बदलाव के एजेंडे में शामिल करने जा रहे हैं। इन बदलावों से हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को टीचर एजूकेशन के प्रोफेशन की ओर आकर्षित कर अच्छे शिक्षक बनाने की है।

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