गुरुवार, 26 फ़रवरी 2015

नेताओं की बदजुबानी को लेकर भाजपा सतर्क: कर्नल राठौर

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मंत्रियों, सांसदों और नेताओं की बदजुबानी चरम पर थी। लेकिन पार्टी ने इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त अपने मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन मामलों पर संसद में बयान भी दिया। भाजपा इस तरह के मामलों को बेहद सतर्क है। यह बातें यहां शुक्रवार को राजधानी के महिला प्रेस क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कही।

गौरतलब है कि दिल्ली विस चुनावों से पहले राजधानी में हुई एक चुनावी रैली में केंद्रीय खाद्य प्रसंकरण उद्योग राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बेहद अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। जिसके बाद राजग सरकार से लेकर भाजपा को देशभर में चौतरफा आलोचना झेलनी पड़ी। इसके बाद भी पार्टी और उसके संगठनों से जुड़े नेताआें द्वारा लगातार बदजुबानी का सिलसिला चलता रहा जिसमें सांसद साक्षी महाराज, साध्वी प्राची (विश्व हिंदू परिषद से जुड़ी हुई हैं) मुख्य रूप से शामिल थे।

यहां बता दें कि कर्नल राठौर भाजपा के पहले ऐसे मंत्री और नेता हैं जो बीते दिनों हुए दिल्ली विस चुनावों में पार्टी को मिली करारी हार के बाद मीडिया से सीधे मुखातिब हुए हैं। उन्होंने भाजपा नेताआें की बदजुबानी रोकने के लिए सरकार की गंभीरता और उसके द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि इस तरह के बयान या लोग केवल भारतीय जनता पार्टी में ही नहीं हैं। बल्कि सभी दलों और धर्मों में मौजूद हैं। राजधानी में विस चुनाव से पहले सरकार में मंत्री या अन्य नेताआें द्वारा अभद्र भाषा में दिए गए बयानों पर पार्टी ने तुरंत कार्रवाई की है। इन लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सप्ताहभर के अंदर जवाब मांगा गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद संसद में इस मामले में बयान दिया। पीएम ने कहा कि इस तरह के लोगों को महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। भाजपा सरकार में अलग-अलग मंत्रालयों की कमान संभाल रहे तमाम मंत्रियों का इस मामले में एकमत है कि इस तरह के बयान या भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।

भाजपा की हार के पीछे नेताआें की बदजुबानी की जिम्मेदारी को लेकर उन्होंने कहा कि मैं कोई विश्लेषक नहीं हूं। हां इस बारे में अगर पार्टी के भीतर जब चर्चा होगी तब मैं अपनी व्यक्तिगत राय रखूंगा। मुझे नहीं लगता कि इस मामले पर कोई टिप्पणी करने का यह उपयुक्त मंच है। विस चुनावों में भाजपा को आम आदमी पार्टी से करारी मात खानी पड़ी और 70 विधानसभा सीटों में से केवल 3 ही उसके खाते में आई।

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