मंगलवार, 17 मार्च 2015

पांच साल में भारत-पाक सीमा पर बनेंगी 41 सड़कें

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

भारत, चीन के साथ करीब 3 हजार किमी. से अधिक लंबी सीमा साझा करता है। इसके पश्चिमी और पूर्वी छोरों पर कई जगहों पर बॉर्डर का स्पष्ट निर्धारण ना होने की वजह से विवाद चल रहा है। भारत ने ताजा घोषणा की है कि आगामी पांच वर्षों (2015-19) में वो चीन के साथ पड़ने वाली अपनी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब कुल 41 सामरिक सड़कों का जाल बिछाएगा। यहां राज्यसभा में मंगलवार को सांसद नरेश गुजराल के प्रश्न के लिखित जवाब में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमा पर कुल 73 सामरिक सड़कों का निर्माण किया जाना है। इसमें 61 सड़कें सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। बीआरओ ने अब तक 19 सड़कों का निमार्ण कार्य पूरा कर लिया है और 24 सड़कों को कनेक्टिविटी दे दी है। अब बाकी बची 41 सड़कों के निमार्ण कार्य का श्रीगणेश करना है।

रक्षा मंत्री ने उच्च सदन को बताया कि मौजूदा वर्ष 2015 में 16 सामरिक सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इसके अगले वर्ष 2016 में 13 सड़कें, 2017 में 9, 2018 में 2 और 2018 के बाद 2 सड़कों को बनाया तय किया गया है। यहां बता दें कि जिन 73 सड़कों का एलएसी के करीब जाल बिछाया जाना है उनकी कुल लंबाई 3 हजार 410 किमी. है। यह निर्माण 2012 तक पूरा किया जाना था। लेकिन निर्माण कार्य में देरी के पीछे सड़क परियोजनाओं को पर्यावरण और वन मंजूरी मिलने में देरी, सख्त चट्टानें, कार्य करने के लिए सीमित मौसम का होना, निर्माण के लिए जरूरी सामग्री का मौजूद ना होना, भूमि अधिग्रहण में देरी के अलावा लेह में 2010 में आई बाढ़, जम्मू-कश्मीर में 2014 में आई बाढ़ और 2011 में सिक्किम में आए भूकंप जैसे कारणों की वजह से बीआरओ के संसाधनों का इस्तेमाल सामरिक सड़कें बनाने के अलावा बाकी कामों में होता रहा।

पर्रिकर ने कहा कि बॉर्डर सड़कों के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए नई सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। हमने राज्यों के मुख्य सचिवों की अध्यक्षता में विशेषाधिकार समिति के गठन करने को कहा है, जिसमें संबंधित विभाग के सचिव को सदस्य के रूप में शामिल किया जाए। यह समिति मिलकर भूमि-अधिग्रहण, पर्यावरण और वन मंजूरी समेत अन्य बाधाओं का निपटारा करेगी। पर्यावरण मंत्रालय ने एलएसी के 100 किमी. के दायरे में आने वाले सड़क परियोजनाओं को जनरल अप्रूवल दिया, बीआरओ के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों में इजाफा किया गया है। लॉग टर्म रोल आॅन वर्क प्लान (एलटीआरओडब्ल्यूपी) में पुरानी सड़कों के उन्नतीकरण और नए निर्माण कार्य के लिए सेना ने करीब 461 सड़कों का चयन किया है। इस परियोजना के लिए 21 हजार 333 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं।

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