मंगलवार, 17 मार्च 2015

गोपनीय सूचना लीक मामले में रक्षा मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

रक्षा मंत्रालय से गोपनीय सूचनाआें के लीक को लेकर मचे बवाल के मामले में मंत्रालय ने अपने विभिन्न विभागों के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें टेलिफोन पर कम बोलने से लेकर बातचीत के दौरान बेहद सर्तक रहने को कहा गया है। रक्षा मंत्रालय के विश्वसनीय सूत्र ने हरिभूमि को बताया कि पेट्रोगेट जासूसी मामले में मंत्रालय के एक कर्मचारी की गिरμतारी की घटना के बाद एहतियात के तौर पर यह एडवाइजरी सभी विभागों को जारी की गई है। उधर मंगलवार को एक अंग्रेजी दैनिक में यूपीए सरकार में रक्षा मंत्री रहे ए.के.एंटनी और पूर्व सेनाप्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के बीच बीते वर्ष फरवरी में हुई गोपनीय बातचीत के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को लीक किए जाने की खबर भी दिनभर रक्षा
मंत्रालय में चर्चा का विषय बनी हुई रही।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस बाबत संसद भवन में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने यूपीए सरकार में पूर्व रक्षा मंत्री और पूर्व सेनाप्रमुख की बातचीत के मामले से जुड़े तथ्यों की पड़ताल की है, जिसमें कोई तथ्य नहीं मिला है। इसका सीधा सा अर्थ है कि इस तरह की कोई घटना हुई ही नहीं है। इस मामले में किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में रक्षा मंत्री ने कहा कि जब ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं तो किसी तरह की कार्रवाई का कोई सवाल ही नहीं उठता।

एडवाइजरी के मुताबिक मंत्रालय के तमाम अधिकारियों को लैंडलाइन और मोबाइन फोन के जरिए किसी भी गोपनीय जानकारी के आदान-प्रदान करने पर रोक लगाई गई है। फोन पर किसी से भी टू द पाइंट बात करने को कहा गया है। जिस नंबर से फोन आया है और उस व्यक्ति को कॉलबैक करना बेहद जरूरी है तो पहले रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक डॉयरेक्ट्री में उसका नाम और प्रोफाइल जांचना अनिवार्य है। इसके बाद ही उसे कॉल-बैक किया जाएगा। एडवाइजरी में साइबर सिक्योरिटी से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण पहलुओं का ध्यान रखने की भी हिदायत दी गई है। इसमें कंप्युटर सिस्टम्स में पैन ड्राइव, हार्ड-डिस्क इत्यादि के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है।

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