शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

डॉर्नियर विमान हादसे में लापता हरियाणा की बेटी

कविता जोशी.नई दिल्ली

नौसेना के मंगलवार रात दुर्घटनाग्रस्त हुए समुद्री निगरानी विमान डॉर्नियर में लापता दो अधिकारियों में से एक आॅब्जर्वर महिला अधिकारी हरियाणा की रहने वाली हैं। लेफ‍िटनेट रैंक की इस युवा अधिकारी का नाम किरन शेखावत है। इसके अलावा हादसे में लापता दूसरे अधिकारी और विमान में सह-पायलट सब-लेफ‍िटनेंट अनुपम नागौरी हैं। अनुपम राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले हैं। दोनों 25 वर्षीय युवा अधिकारियों को ढूंढने के लिए हादसे के तुरंत बाद से नौसेना का राहत एवं बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है। हादसे में सुरक्षित बचे एक अधिकारी कमांडर निखिल कुलदीप जोशी सुरक्षित हैं जो कि विमान के पायलट भी थे। हादसे के बाद उन्हें काफी गंभीर चोटें आई हैं और अभी वो नौसेना के कारवार स्थित पातांजलि अस्पताल में भर्ती हैं। हरियाणा की महिला अधिकारी ले.शेखावत के पति भी नौसेना में अधिकारी हैं।

नौसेना के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि इस वक्त खोज अभियान गोवा के तट से दक्षिण-पश्चिम में लगभग 70 किमी. की दूरी (35 नॉटिकल माइल्स) पर दूर समुद्र में चलाया जा रहा है। इसमें नौसेना के समुद्र के भीतर जांच-पड़ताल करने में सक्षम जहाज (हाइड्रोग्राफिक वेसल) आईएनएस मकर के सोनार रडार ने समुद्र के 60 मीटर अंदर गहरे पानी में लोहे के एक बड़े टुकड़े को पकड़ा है। यही टुकड़ा लापता विमान डॉर्नियर का ही अवशेष है का पता लगाने के लिए नौसेना के एक अन्य जहाज आईएनएस माटंगा ने गोताखोरों और अन्य जरूरी साजो-सामान के साथ इलाके में सर्च अभियान शुरू कर दिया है। यह अभियान दिन-रात बिना किसी रोकटोक के चलेगा।

सूत्र ने कहा कि इस वक्त नौसेना ने आईएनएस माटंगा जहाज की मदद से इस अभियान को दो भागों में बांट दिया है। एक ओर दो-दो करके कुल 50 गोताखोरों का दल दोनों लापता अधिकारियों को ढूंढने के लिए बारी-बारी से समुद्र में उस जगह पर उतर रहा है। वहीं दूसरी ओर आईएनएस माटंगा जहाज की मदद से लोहे के भारी-भरकम टुकड़े को बाहर निकालने की कवायद चल रही है। सूत्र का कहना है कि क्योंकि समुद्र में पानी हमेशा गतिमान रहता है और किसी निश्चित गहराई पर अगर कोई वस्तु पहुंच जाए तो धीरे-धीरे उसके आस-पास कीचड़ जमा होने लगता है। इस लोहे के टुकड़े के आसपास भी काफी मात्रा में कीचड़ जमा हो गया है, जिसकी वजह से उसे बाहर निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

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