रविवार, 17 मई 2015

पाकिस्तान की नाक के नीचे राजस्थान में सेना का अभ्यास शुरू

25 अप्रैल से 27 अप्रैल तक चलेगा ब्रह्मशिरा अभ्यास।
थलसेना के साथ वायुसेना भी होगी शामिल।
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

राजस्थान में पाकिस्तान की सीमा से महज 20 किमी. की दूरी पर सूरतगढ़ में थलसेना अपने सबसे प्रचंड युद्ध अभ्यास ब्रह्मशिरा का शनिवार से आगाज करने जा रही है। इसमें खरगा स्ट्राइक कोर के 20 हजार जवान अपने पूरी विध्वंसक क्षमता के साथ दुश्मन के दांत खट्टे करने का हर दांव आजमाते हुए नजर आएंगे। यहां बता दें कि यह अभ्यास राजस्थान में पड़ने वाली भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा से मात्र 20 किमी. की दूरी पर यानि सीधे पाक की नाक के नीचे होगा। खरगा स्ट्राइक कोर को 2 कोर के नाम से भी जाना जाता है। यहां राजधानी में मौजूद सेना के सूत्रों ने बताया कि यह अभ्यास से 25 अप्रैल से 27 तक चलेगा। अभ्यास को देखने के लिए सेना की पश्चिमी कमांड के मुखिया (जीओसी-इन-सी) लेफ्टीनेंट जनरल केजे सिंह भी आएंगे। खरगा कोर सेना की पश्चिमी कमांड का हिस्सा है।

थलसेना के इस अभ्यास में वायुसेना भी शामिल होगी। वायुसेना के इसमें शामिल होने से इस अभ्यास में ज्यादा पैनापन आ जाएगा। एक ओर राजस्थान के रेतीले रण में सेना के जवानों के पैदल दस्ते से लेकर टी-72 और टी-90 टैंकों की युद्ध की रणभेरी बजाने वाली वाली भरभराहट का नजारा होगा तो दूसरी ओर आसमान में वायुसेना के अग्रणी पंक्ति के लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर और यूएवी अपनी युद्धक क्षमता से दुश्मन को चारों खाने चित करने की अपनी कुशल रणनीति के साथ खुले आसमान में उड़ान का आगाज करेंगे। अभ्यास के दौरान दोनों सेनाएं मिलक र बुद्धिमानी, निगरानी और सूचना तंत्र की परखेंगे।

ब्रह्मशिरा अभ्यास में सेना का बड़ा लाव-लशकर भाग लेगा। इसमें आॅमर्ड से लेकर सेना का इंफेंट्री, मैकेनाइज, एवीऐशन और यूएवी दस्ता शामिल होगा। इसमें टैंकों में टी-90, टी-72 टैंक शमिल होंगे, हेलिकॉप्टरों में मी-35, चीता, चेतक और धु्रव हेलिकॉप्टर भी अपनी क्षमता के जलवे बिखेरेंगे। गौरतलब है कि इस अभ्यास का आयोजन हर दो साल में किया जाता है। इससे पहले इस अभ्यास को पंजाब और गुजरात में किया गया था। लेकिन इस बार राजस्थान का अभ्यास के लिए चयन किया गया है।

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