रविवार, 17 मई 2015

नेपाल में बेरोकटोक चलता रहेगा राहत-बचाव अभियान

हरियाणा सरकार ने भेजी प्रभावितों को राहत सामग्री
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

सशस्त्र सेनाओं का कहना है कि नेपाल में आम-जनजीवन सामान्य होने तक उनके द्वारा चलाया जा रहा राहत एवं बचाव अभियान बेरोकटोक गति से चलता रहेगा। हरियाणा सरकार की ओर से भी भूकंप प्रभावितों के लिए राहत सामग्री भेजी गई है। इसमें खाने-पीने का सामान और जरूरी राशन शामिल है। यहां बता दें कि नेपाल में बीते शनिवार को 7.9 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। नेपाल के साथ-साथ भूकंप के झटके भारत के आधे से ज्यादा राज्यों में महसूस किए गए। कई लोग मारे भी गए हैं। सेना के अतिरिक्त महानिदेशक (मिलिट्री आॅपरेशन) मेजर जनरल रनबीर सिंह ने मंगलवार को यहां राजधानी में पत्रकारों से बातचीत में कहा हमने इस राहत अभियान को लेकर कोई समय सीमा निधार्रित नहीं की है। लेकिन जब तक नेपाल चाहेगा हम उनकी मदद करते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि सेना, नेपाल के दूरदराज के इलाकों में पहुंचकर भूकंप प्रभावितों की मदद कर रही है। एक 45 बेड का अस्पताल, 3 फील्ड अस्पताल 18 लोगों की मेडिकल टीम राहत कार्य में लगी हुई है। सेना के डॉक्टर नेपाल के सिविल अस्पतालों में पीड़ितों के इलाज में मदद पहुंचा रहे हैं। सेना के 12 इंजीनियरिंग कार्यबलों को नेपाल में सड़कों को खोलने के लिए रवाना किया गया है। प्रत्येक कार्यबल में कुल 70 लोग हैं। सेना नेपाल में भूकंप के केंद्र रहे बारपाक में भी पहुंच गई है और प्रभावितों को हर संभव मदद पहुंचा रही है।

एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ाई के लिए गए 70 पर्वतारोहियों को सेना के रितेश गोयल ने काफी मदद पहुंचाई। यह सभी भूकंप के बाद हिमालय पर आए बर्फील तूफान की चपेट में आ गए थे। 28 वर्षीय रितेश ने इन सभी क ा प्राथमिक उपचार कर इनके जीवन की रक्षा की। इनमें से कुछ के हाथ-पांव टूटे हुए थे तो करीब 8 पर्वतारोहियों को सिर में गंभीर चोटें लगी थीं। इन्हें हेलिकॉप्टर की मदद से बेस कैंप से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। दरअसल रितेश सेना के उस 30 सदस्यीय पर्वतारोहियों के दल में शामिल थे जो एवरेस्ट की चोटी फतह करने के लिए निकले थे। इससे पहले वो सियाचिन में भी तैनात रह चुके हैं। बेस कैंप की ऊंचाई 17 हजार 500 फीट है।

वायुसेना के विमानों उड़ान जारी
वायुसेना के करीब 7 विमानों के जरिए 41 टन खाद्य सामग्री, पानी,1100 कंबल और टेंट नेपाल भेजे गए हैं। इसके अलावा टूटे-फूटे सड़क मार्ग को दुरुस्त करने के लिए सेना के 2 इंजीनियर्स कार्यबलों को भी वायुसेना ने अपने विमानों से भेजा है। विमानों में 2 सी-17 ग्लोबमास्टर-3, 2 सी-130 जे सुपर हरक्युर्लिस, 2 आई-76 और 1 एएन-32 परिवहन विमान के जरिए राहत सामग्री भेजी जा रही है। नेपाल से वापसी में यह विमान वहां मौजूद प्रभावितों को भारत लाने के काम में भी जुटे हुए हैं। गौरतलब है कि 25 अप्रैल से राहत अभियान में जुटी वायुसेना ने अब तक कुल 2 हजार 865 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। वायुसेना के विमानों द्वारा 36 बार भरी गई उड़ानों में 238.5 किग्रा वजन सामान नेपाल पहुंचाया गया। इस समय वायुसेना के 8 हेलिकॉप्टर नेपाल में तैनात हैं। इनमें 6 काठमांडू और 2 पोखरा में हैं। हेलिकॉप्टर के जरिए 250 लोगों को बचाया जा चुका है और 25 टन राहत सामग्री पहुंचाई गई है। मेडिकल और इंजीनियर कार्यबल के 100 लोगों को नेपाल में उतारा जा चुका है। 350 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

नौसेना भी अभियान में शामिल
नौसेना भी नेपाल में भूकंप प्रभावितों की मदद को लेकर चलाए जा रहे अभियान में शामिल हो गई है। नौसेना की 16 सदस्यीय मेडिकल टीम मंगलवार रात को नेपाल के लिए रवाना होगी। इसमें 6 डॉक्टर और 10 मेडिकल स्टॉफ शामिल होगा। नौसेना के सूत्रों ने कहा कि इस दल में शामिल 6 डॉक्टरों में एक सर्जन, 1 एनस्थिसिया का डॉक्टर, 1 मेडिकल स्पेशलिस्ट, 2 ग्राउंड ड्यूटी मेडिकल आॅफिसर, 1 कम्युनिटी मेडिकल आॅफिसर शामिल हैं। इसके अलावा 10 मेडिकल अस्सिटेंट में 1 आॅपरेशन रूम अस्सिटेंट, 6 लैब एंड ग्राउंड ड्यूटी अस्सिटेंट, 2 हाइजीन स्पेशलिस्ट, 1 बीटीए शामिल है।

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