शुक्रवार, 15 मई 2015

आम आदमी के विचारों के समावेश से बनती राष्ट्रीय शिक्षा नीति

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का निर्माण आम-जन की भागीदारी के साथ किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि इसे अंतिम रूप देने से पहले ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य-राष्ट्रीय स्तर पर लोग अपने-अपने विचार शिक्षा के बारे में रखें। उसके बाद सरकार उस पर अपनी रजामंदी की मुहर लगाएगी। वे आज यहां राष्ट्रीय शिक्षा के लोगो, स्लोगन और टैगलॉइन को जारी करते हुए पत्रकारों से मुखातिब हुई। केंद्रीय मंत्री ने कहा हम चाहते हैं नीति बनाने से पहले हम लोगों की राय लें। इसमें किसी नौकरशाह, पीआर कंपनी, विज्ञापन एजेंसी की कोई भूमिका नहीं है। यह सीधे लोगों की सहभागिता से तैयार की जा रही है।

बीते 21 मार्च को इस बाबत हमने सभी राज्यों के साथ बैठक कर उनकी राय ली थी। इसे
एक आम नागरिक ने बनाया है। इसमें सामाजिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है। नवाज की सराहना करते हुए ईरानी ने कहा कि इन्होंने अपने प्रयास से सिस्टम में रहते हुए सिस्टम को बदलने का प्रयास किया है। यह अपनी तरह का एक युद्ध है, जिसे इन्होंने लड़ा है। नीति को लेकर एचआरडी मंत्रालय ने डब्ल्यूसीडी, सामाजिक-न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय के साथ भी मंथन किया और उद्योग जगत के लोगों के साथ भी बातचीत की है।

एचआरडी मंत्रालय के पास एनईपी के लोगो, स्लोगन और टैगलाइन के लिए कुल 3 हजार आवेदन आए थे। इसमें से तीन विजेताआें का चयन करके उन्हें पुरस्कृत किया गया है। इसमें से स्लोगन के लिए पुरस्कार पाने वाले विजेता महाराष्ट्र (पुणे) के नवाज शेख ने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए व्यक्ति का वास्तविक विकास होता है। शिक्षा नीति बनाने के लिए शिक्षक और माता-पिता की भागीदारी होनी चाहिए, गांव से शहर तक लोग इससे जुड़े, शिक्षा के लिए माहौल देना बेहद जरुरी है। एक साधारण ग्रामीण परिवार में पैदा होने के बाद नवाज पीएचडी की डिग्री हासिल करने जा रहे हैं,जिसमें उनका कहना है कि शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान है। पढ़ाई के अलावा अपनी रूचि के मुताबिक तालीम हासिल करने पर नवाज खास जोर देते हैं
और बच्चों को शिक्षा लेते वक्त अपने परिवार के सभी सदस्यों का साथ मिलना चाहिए। पुरस्कार की राशि 10 हजार रुपए है। शिक्षा नीति के लिए चयन किए गए स्लोगन के लिए हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले विनोद कुमार महेश्वरी को 10 हजार रुपए का पुरस्कार दिया गया।

उनका बनाया स्लोगन है ‘नई शिक्षा नीति करे साकार’, ‘ज्ञान, योग्यता और रोजगार’। इसके अलावा ‘एजूकेट, एनकरेज, एनलॉइटन’ नामक टैगलॉइन बनाने के लिए केरल के विपिथा देवी, परावरूर को 10 हजार रुपए का पुरस्कार दिया गया है। लोगो के केंद्र में बच्चे का चित्र है जिसके बारे में बताते हुए नवाज कहते हैं कि यह लड़का-लड़का दोनों पर केंद्रित है। इसके नीचे खुली किताब कह रही है कि अगर अपनी शिक्षा हासिल करते है तो आपका जीवन भी इसी किताब की तरह खुल जाएगा और उसका विकास होगा। इसके अलावा लोगो में बनाए गए छोटे-छोटे स्टार एचआरडी मंत्रालय की चुंनिदा नीतियों के बारे में दर्शाने के लिए बनाए गए हैं।

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