शनिवार, 13 जून 2015

दक्षिणी सूडान में भारतीय सैन्य अधिक ारी को लगी गोली, हालत स्थिर

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

दक्षिणी-सूडान के मुल्लाकल इलाके में संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में चलाए जा रहे शांति मिशन में बृहस्पतिवार को एक भारतीय सैन्य अधिकारी लेμिटनेंट कर्नल के.दिनाकर गोली लगने से घायल हो गए। लेकिन अब उसकी हालत स्थिर बतायी जा रही है। दरअसल यह घटना 29 मई को संयुक्त राष्टÑ के तत्वाधान में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस से ठीक एक दिन पहले बृहस्पतिवार शाम 6 बजे हुई। यहां रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इस अधिकारी का संबंध भारतीय सेना की जैकलाई बटालियन से है।

सूत्र ने कहा कि यह घटना उस समय हुई जब यह अधिकारी अपने कमरे में था। तभी बाहर से दरवाजे से होते हुए गोली अंदर आयी और इनके सिर को छूकर निकल गई, जिससे सिर पर जख्म बन गया। यह गोली सूडानी सेना द्वारा विद्रोहियों के खिलाफ रोजाना हवा में की जाने वाली फायरिंग के दौरान अधिकारी के कमरे में घुसी थी। घटना के तुरंत बाद अधिकारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब उनकी हालत फिलहाल स्थिर बतायी जा रही है।

भारतीय सेना की मौजूदगी
यूएन के शांति मिशनों में भारतीय सेना ने वर्ष 1950 से भाग लेना शुरू किया। सबसे पहले 1950 में कोरिया के लिए अभियान में सेना शामिल हुई जिसमें करीब 2 लाख भारतीय सैनिकों शामिल हुए। अब तक संयुक्त राष्टÑ के बैनर तले कुल 16 अभियान चल रहे हैं, जिसमें भारतीय सेना 12 अभियानों में शामिल है। इन 12 अभियानों में कुल 158 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है। सूडान और दक्षिणी सूडान में कुल 1 हजार 950 सैनिक मारे जा चुके हैं।

यूएन के अंतरराष्ट्रीय मिशन 
यूएन के मातहत अब तक 71 शांति अभियान चलाए जा चुके हैं, जिसमें 1 मिलियन से अधिक सैनिकों ने भाग लिया। यह आंकड़ा सेना और पुलिस को मिलाकर है। वर्तमान में जारी 16 अभियान में 1 लाख 25 हजार सैनिक लगे हुए हैं। यूएन के इन शांति अभियानों में 3 हजार 300 लोग मारे जा चुके हैं। इसमें बीते वर्ष 126 सैनिक मारे जा चुके हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें